ITR: वेतनभोगी कर्मचारियों सहित प्रत्येक व्यक्ति को एडवांस टैक्स का भुगतान करना जरूरी है. जिनकी साल के लिए टैक्स देनदारी 10,000 रुपये से अधिक है, उनको एडवांस टैक्स का भुगतान करना होता है. वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए, नियोक्ता आमतौर पर उनके महीने की सैलरी से एडवांस टैक्स काटते हैं और टैक्स विभाग को जमा करते हैं. 10000 रुपये या उससे अधिक की सीमा मूल अनुमानित टैक्स देनदारी से टीडीएस/टीसीएस/विदेशी कर क्रेडिट/धारा 89 राहत आदि के सभी टैक्स क्रेडिट की कटौती के बाद आती है. ऐसे में एडवांस टैक्स को लेकर कुछ बातों के बारे में ध्यान रखना चाहिए.


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वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए एडवांस टैक्स भुगतान नियम


सैलरी पर टैक्स नियोक्ता के जरिए काटा जाता है, इसलिए एडवांस टैक्स को लेकर चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि साल के दौरान जब रोजगार में बदलाव होता है, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना होती है कि नए नियोक्ता ने पिछले रोजगार के बारे में कोई जानकारी न रखते हुए गलत तरीके से टैक्स की गणना की हो और उसके आधार पर टैक्स काट लिया हो. इस मामले में व्यक्ति को टैक्स गणना की जांच करने और नए नियोक्ता को सूचित करने की सलाह दी जाती है. यदि वे टैक्स में कटौती नहीं कर रहे हैं जैसा कि उन्हें करना चाहिए, तो व्यक्ति मामले को अपने हाथ में ले सकता है और एडवांस टैक्स का भुगतान न करने पर ब्याज से बचने के लिए खुद टैक्स का भुगतान कर सकता है.


पेशेवरों के लिए एडवांस टैक्स भुगतान नियम


पेशेवर जो अनुमानित टैक्सेशन का विकल्प चुन रहे हैं, उन्हें संबंधित वित्तीय वर्ष के 15 मार्च के भीतर एडवांस टैक्स की पूरी राशि का भुगतान करना होगा, जबकि अन्य सभी निर्धारितियों पर लागू तिमाही आधार पर अग्रिम कर का भुगतान करना होगा.


एनआरआई के लिए एडवांस टैक्स भुगतान नियम


एडवांस टैक्स के प्रावधान अन्य निवासी करदाताओं की तरह ही लागू होते हैं. यदि किसी एनआरआई की वर्ष के लिए अनुमानित टैक्स देनदारी 10,000 रुपये या अधिक है तो उसे अपना एडवांस टैक्स भुगतान करना होगा.


वरिष्ठ नागरिकों के लिए एडवांस टैक्स भुगतान नियम


एक वरिष्ठ नागरिक जो वित्तीय वर्ष के दौरान 60 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र का व्यक्ति है, जिसकी किसी कारोबार या पेशे से कोई इनकम नहीं है, उनको एडवांस टैक्स दाखिल करना जरूरी नहीं है.


पेनेल्टी


एडवांस टैक्स की किसी भी किस्त का भुगतान करने में कोई भी कमी या चूक टैक्सपेयर्स के लिए ब्याज का बोझ बढ़ाएगी. इसके साथ ही सेक्शन 234सी भुगतान में देरी के हर महीने के लिए किस्त की राशि में कमी पर 1 फीसदी का इटंरेस्ट लगाती है. कुल टैक्स पर 10 फीसदी तक मार्जिन की अनुमति है. इसका मतलब यह है कि यदि टैक्सपेयर्स समय सीमा के भीतर मूल्यांकन किए गए कर का 90 प्रतिशत से कम भुगतान करते हैं, तो धारा 234बी के अनुसार करदाता को मूल्यांकन वर्ष में प्रत्येक महीने के लिए 1 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा, जब तक कमी और देरी जारी रहेगी. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ब्याज की गणना के लिए महीने के कुछ हिस्से को भी पूरे महीने के रूप में गिना जाता है.


जरूरी तारीखें


- प्रत्येक वित्तीय वर्ष के 15 जून को या उससे पहले एडवांस टैक्स का 15% भुगतान करना होगा.
- 15 सितंबर को या उससे पहले, एडवांस टैक्स का 45% (पहले भुगतान किए गए कर को घटाकर) का भुगतान करना होगा.
- 15 दिसंबर को या उससे पहले, एडवांस टैक्स का 75% (पहले से भुगतान किया गया कर घटाकर) देय है.
- 15 मार्च को या उससे पहले एडवांस टैक्स का 100% (पहले से भुगतान किया गया कर घटाकर) देय है.