दोस्तों के सहारे अमेरिका से आई आंधी को झेल गए गौतम अडानी, GQG के बाद अब अबू धाबी की IHC का मिला साथ
हिंडनबर्ग के बाद गौतम अडानी पर एक और आफत आई. अमेरिका में घूसकांड के खुलासे के बाद अडानी के शेयर धड़ाम होने लगे, लेकिन समूह पर लगे आरोपों के बावजूद उसके दोस्तों ने साथ नहीं छोड़ा. हिंडनबर्ग के बाद अमेरिका ने एक बार फिर से अडानी समूह पर सवाल उठाए.
Adani Bribery case:हिंडनबर्ग के बाद गौतम अडानी पर एक और आफत आई. अमेरिका में घूसकांड के खुलासे के बाद अडानी के शेयर धड़ाम होने लगे, लेकिन समूह पर लगे आरोपों के बावजूद उसके दोस्तों ने साथ नहीं छोड़ा. हिंडनबर्ग के बाद अमेरिका ने एक बार फिर से अडानी समूह पर सवाल उठाए. उन पर गंभीर आरोप लगे, लेकिन उनका साथ देने वाले निवेशकों ने भरोसा कायम रखा. पहले जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी पर भरोसा दिखाते हुए निवेश को जारी रखने फैसला किया तो वहीं अब अबू धाबी से उनके लिए राहत भरी खबर आई. ये अडानी के वही साथी है, जिन्होंने हिंडनबर्ग मामले मे ंभी उनपर भरोसा जताया था.
अडानी को मिला IHC का साथ
अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी), ने अडानी समूह में निवेश को बनाए रखने की बात कही है. उसने कहा कि निनेश को लेकर वो अपनी राय नहीं बदल रहे हैं. बता दें कि आईएचसी जो 100 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब संपत्ति का प्रबंधन करने वाले सबसे बड़े फंड मैनेंजमेंट में से एक है, ने अडानी समूह को अपने समर्थन की पुष्टि करते हुए कहा है कि समूह में निवेश पर उसका दृष्टिकोण बना हुआ है. उसने कहा कि अडानी पर अमेरिकी अभियोग के बावजूद कोई बदलाव नहीं हुआ.
नहीं बदला नजरिया
अडानी समूह में निवेश को लेकर नजरिये में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उसने कहा कि चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में अभियोग के बावजूद समूह में निवेश को लेकर उसका नजरिया बदला नहीं है. बता दें कि आईएचसी अडानी की प्रमुख निवेशकों में से एक है. अडानी समूह के साथ हमारी साझेदारी हरित ऊर्जा और टिकाऊ क्षेत्रों में उनके योगदान में हमारे विश्वास को दर्शाती है. इसमें कहा गया है, हमारे सभी निवेशों की तरह हमारा दल प्रासंगिक जानकारी और घटनाक्रम का मूल्यांकन करना जारी रखे हुए है. इस समय इन निवेशों पर हमारा नजरिया यथावत है.
50 करोड़ का निवेश
आईएचसी ने अप्रैल 2022 में अक्षय ऊर्जा शाखा अदाणी ग्रीन एनर्जी लि. (एजीईएल) और बिजली कंपनी अडानी ट्रांसमिशन में करीब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था. उसने समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में एक अरब डॉलर का निवेश किया था. हालांकि बाद में बाद में, उसने एजीईएल में अपनी 1.26 प्रतिशत हिस्सेदारी और एटीएल (जिसे अब अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड कहा जाता है) में 1.41 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी लेकिन अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर पांच प्रतिशत की थी.