नई दिल्लीः भारत और चीन में बढ़ते तनाव के बीच रेल मंत्रालय के बाद अब वित्त मंत्रालय ने भी चीन को गहरी आर्थिक चोट पहुंचा दी है. मंत्रालय ने चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन कोष में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है. पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के नियमन के तहत पेंशन कोष में स्वत: मार्ग से 49 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है. 


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शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, ‘‘चीन समेत भारत की सीमा से लगने वाले किसी भी देश की किसी भी निवेश इकाई या व्यक्ति के निवेश के लिये सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. समय-समय पर जारी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का संबंधित प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू होगा.’’ सरकार ने इस मसले पर सभी पक्षों से टिप्पणियां मांगी हैं. 


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इन देशों से कोई भी विदेशी निवेश सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा. भारत सरकार की अधिसूचना जारी होने की तारीख से यह प्रतिबंध लागू होगा. भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय ने यह प्रस्ताव दिया है.


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प्रस्तावित बदलाव औद्योगिक संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अप्रैल में जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप है. फिलहाल, केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान से होने वाले निवेश को लेकर ही सरकारी मंजूरी की जरूरत का प्रावधान है. 


(इनपुट: भाषा)