सैलरी लेने वाले व्यक्ति को अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म भरने से पहले दो जरूरी डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है.
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नई दिल्लीः सैलरी लेने वाले व्यक्ति को अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म भरने से पहले दो जरूरी डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है. इनमें पहला है फॉर्म 16/16A और दूसरा है फॉर्म 26AS. अगर किसी भी सैलरी क्लास वाले आयकर दाता के पास ये दोनों फॉर्म नहीं है, तो वो अपना आयकर रिटर्न नहीं भर सकता है. फॉर्म 16/16A कंपनी की तरफ से जारी होता है, वहीं फॉर्म 26AS आयकर विभाग जारी करता है. इस बार इस फॉर्म में भी कई तरह के बदलाव किए गए हैं.
देनी होगी इसकी जानकारी
आपने कोई नया मकान या फ्लैट या शेयर बाजार में पैसा लगाया है तो इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने Form 26AS का नया फॉर्म नोटिफाई किया है. इसमें नया बदलाव यह किया गया है कि फॉर्म में संपत्ति (property) और शेयर (Share market) लेनदेन की सूचना को भी शामिल किया गया है.
फॉर्म 26AS को पूरी तरह नया रूप दिया गया है. अब इसमें TDS-TCS के ब्योरे के अलावा कुछ फाइनेंशियल लेन-देन, टैक्स पेमेंट, आयकरदाता द्वारा एक कारोबारी साल में डिमांड-रिफंड से संबंधित लंबित या पूरी हो चुकी प्रक्रिया की सूचना को शामिल किया गया है. इसका ब्योरा आयकर रिटर्न (ITR) में देना होगा. इसके अलावा कई बार डिटेल्स पर ध्यान न देने के की वजह से रिटर्न फॉर्म भी रद्द हो जाता है. ये ध्यान रखें कि आपके 26 एएस फॉर्म में आपकी इनकम पर जो टीडीएस के आंकड़े दिए गए हैं वही आपने आईटीआर फॉर्म में भरे गए हों.
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इसके क्रियान्वयन के लिए बजट 2020-21 में आयकर कानून में एक नई धारा 285BB को शामिल किया गया है. CBDT ने कहा कि संशोधित 26AS फॉर्म 1 जून से प्रभावी हो गया है.
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