नई दिल्ली: एयर इंडिया (Air India) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. कंपनी पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है. पैसे नहीं होने की वजह से संचालन में भी दिक्कतें आने लगी हैं. गुरुवार (22 अगस्त) को 6 एयरपोर्ट पर तेल कंपनियों ने एयर इंडिया को ईंधन देने से मना कर दिया. एयरलाइन के पास अपने कर्मचारियों को पैसे देने तक के पैसे नहीं हैं. पिछले दिनों सरकार ने कंपनी में व्यापक स्तर पर सभी नियुक्तियों और पदोन्नतियों को रोकने का निर्देश दिया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वालों को ढूंढ रही है. इस दिशा में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. निजीकरण की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) का गठन किया गया है. जानकारी के मुताबिक, अगले हफ्ते GoM की बैठक होने वाली है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उससे  पहले Air India के अधिकारियों की एक आंतरिक बैठक होगी. मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार एयर इंडिया में 100 फीसदी शेयर बेचने की तैयारी में है.



पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई थी, जिसके मुताबिक, एयरलाइन पर 58000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है, जबकि पूरा नुकसान करीब 70000 करोड़ रुपये का है. एयरलाइन को हर महीने 300 करोड़ तो केवल कर्मचारियों की सैलरी के लिए चाहिए. एयरलाइन के पास अक्टूबर के  बाद कर्मचारियों को देने के लिए पैसे भी नहीं बचे हैं. ऐसे में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ( जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेलवे मिनिस्टर पीयूष गोयल और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल है) जल्द एयरलाइन के तकदीर का फैसला करेंगे.