Air India: टाटा ग्रुप की कंपनी एयर इंडिया ने केबिन क्रू को लेओवर के दौरान होटल के कमरे को शेयर करने के लिए कहा है. कंपनी के इस आदेश के बाद कई कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. एक क्रू मेंबर ने कहा है कि कंपनी का यह कदम ना ही काइंड है और ना ही सेफ. कर्मचारी आराम और वर्किंग आवर को लेकर चिंतित हैं.


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दरअसल, एयरलाइन विस्तारा का एयर इंडिया में विलय होना है. इसी मद्देनजर एयर इंडिया ने यह कदम विस्तारा के साथ उसके विलय के आलोक में नीतियों में सामंजस्य स्थापित करने के व्यापक प्रयास के हिस्से के रूप में उठाया है.


सीनियर एग्जक्यूटिव को इससे छूट


बिजनेस वेबसाइट ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को कर्मचारियों को मैनेजमेंट की ओर से एक मेमो दिया गया. इस मेमो के मुताबिक, सीनियर कर्माचारियों सहित अधिकांश केबिन क्रू को अब लेओवर के दौरान एक कर्मचारी के साथ कमरा साझा करना होगा. यह बदलाव व्यापक मुआवजे पैकेज का हिस्सा के तहत है. हालांकि, सीनियर एग्जक्यूटिव को इससे छूट दी गई है. मेमो में असुविधा को दूर करने के लिए भत्ते और ग्रेच्युटी भुगतान में वृद्धि का भी विवरण दिया गया है.


 


द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केबिन क्रू मेंबर्स ने सीनियर मैनेजर के सामने इस मुद्दे को लेकर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है. कई कर्मचारियों ने अलग-अलग टाइमिंग को लेकर आराम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया है. उनका तर्क है कि इस तरह के बदलाव से काम करने की क्षमता में गंभीर बाधा आ सकती है.


कर्मचारियों ने उठाए सवाल 


नए नियमों से होने वाली समस्याओं को लेकर एक केबिन क्रू का कहना है कि सबकी अलग-अलग टाइमिंग होती है और सबके सोने के तरीके अलग-अलग होते हैं. सहकर्मियों के साथ रूम शेयर करने से हमारे काम करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. 


एयर इंडिया ने अपने बचाव में कहा है कि एयर इंडिया और विस्तारा के बीच समानता लाने के लिए यह बदलाव जरूरी था. एयर इंडिया के प्रवक्ता का कहना है कि विस्तारा और एयर इंडिया को संचालन करने में आपस में सामंजस्य बिठाना समय की मांग है.