Onion Price Hike Reason: देश में टमाटर के बाद अब प्याज (Onion) के दामों ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. बीते एक हफ्ते के भीतर ही देश के अलग-अलग शहरों में प्याज के दामों में 50 से 60 फीसदी तक उछाल दर्ज किया गया है यानी जो प्याज कुछ दिन पहले तक 30 से 40 रुपये प्रति किलो मिल रहा था अब वही प्याज 80 से 100 रुपये तक पहुंच गया है. क्या है प्याज के दामों का असली गणित क्या है, इसके बारे में जानते हैं. बता दें कि दिल्ली, भोपाल, कोलकाता, जयपुर, बेंगलुरु, आगरा और मुंबई से लेकर देश के सभी शहरों में प्याज के दामों में जबरदस्त उछाल जारी है. जो प्याज अब से चंद रोज पहले 20 से 30 रुपये किलोग्राम मिल रहा था. वही, प्याज अब 80 रुपये के पार जा पहुंची है. सब्जी मंडी से लेकर लोगों के घरों तक पहुंचने से पहले प्याज का सफर आखिर इतना महंगा क्यों हो गया?


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प्याज के दाम में भारी उछाल


जान लें कि दिल्ली से सटे गाजीपुर इलाके की सब्जी मंडी में प्याज के दामों के उछाल के बारे में लोगों का कहना है कि अभी प्याज के दामों में जितना इजाफा हुआ है. उससे लोगों को घरों का बजट बिगड़ा है लेकिन ये स्थिति फिलहाल ऐसी ही रहने वाली है. इधर कानपुर में भी लोग प्याज के बढ़े दामों से परेशान हैं. उनका कहना है कि पहले टमाटर के बढ़े दामों ने घर का बजट बिगाड़ा और अब प्याज भी महंगाई के आंसू रुलाने लगी है.


और कितना महंगा होगा प्याज?


आगरा में भी लोगों का यही हाल है. सब यही सोच रहे हैं कि आखिर प्याज के दामों में त्योहार के समय ऐसा उछाल क्यों आया है. मुंबई में भी प्याज के दामों में उछाल से लोग खासे परेशान नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि आखिर बार-बार प्याज के दामों में उछाल क्यों आ रहा है? सरकार को प्याज के दामों पर कंट्रोल करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए. जाहिर है प्याज के दामों में ऐसा उछाल आने से आम लोग परेशान हैं. हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सरकार प्याज के दामों पर लगाम लगाने के लिए कोई एक्शन ले सकती है. लेकिन फिलहाल लोगों को प्याज महंगाई के आंसुओं से सराबोर कर रही है.


प्याज क्यों हो गया महंगा?


दरअसल, देश में प्याज की खेती का रकबा 2 लाख हेक्टेयर कम हो गया है. इसकी वजह से उत्पादन 14,82,000 मीट्रिक टन कम हो गया है. साल 2022-23 में 17,41,000 हेक्टेयर में प्याज की खेती हुई थी, जबकि 2021-22 में 19,41,000 हेक्टेयर में इसकी खेती हुई थी. यानी बीते एक साल में ही प्याज की खेती का रकबा 10 फीसदी से अधिक कम हो गया. इसी तरह 2022-23 के दौरान 3,02,05,000 मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन हुआ है. जबकि 2021-22 में 3,16,87,000 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था. यानी एक साल में ही उत्पादन करीब 5 फीसदी कम हो गया. प्याज का दाम बढ़ने की एक वजह महाराष्ट्र में खरीफ सीजन के प्याज का करीब एक महीने लेट होना है. मॉनसून की बारिश में देरी की वजह से अभी तक खरीफ सीजन का प्याज बाजार में नहीं आया है. इससे बाजार में तेजी है.