दौड़ते भारत की राह में कौन बन रहा रोड़ा? इस भविष्यवाणी ने बढ़ाई चिंता , लेकिन उम्मीद भी बढ़ी
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दौड़ते भारत की राह में कौन बन रहा रोड़ा? इस भविष्यवाणी ने बढ़ाई चिंता , लेकिन उम्मीद भी बढ़ी

मोदी सरकार ने अपवने इस कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनने का संकल्प लिया है. भारत को साल 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को इस खबर से झटका लगा है. अर्थव्‍यवस्‍था के मोर्चे पर ICRA की रिपोर्ट से एक बार फिर से निराय़ किया है.

    दौड़ते भारत की राह में कौन बन रहा रोड़ा?  इस भविष्यवाणी ने बढ़ाई चिंता , लेकिन उम्मीद भी बढ़ी

India GDP: मोदी सरकार ने अपवने इस कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनने का संकल्प लिया है. भारत को साल 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को इस खबर से झटका लगा है. अर्थव्‍यवस्‍था के मोर्चे पर ICRA की रिपोर्ट से एक बार फिर से निराय़ किया है. हाल ही में  घरेलू रेट‍िंग एजेंसी इकरा ने कहा था कि भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में धीमी होने का अनुमान है. उनसे अनुमान लगाया था कि भारत का जीडीपी सालाना आधार पर 6.5% की दर से बढ़ने के आसार हैं. अब इस रेटिंग एजेंसी ने एक और रिपोर्ट जारी की है. अपनी रिपोर्ट में उसने दावा किया है कि भारत की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में रफ्तार पकड़ेगी. 

रफ्तार के लिए थोड़ा इंतजार  
 
भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2024) की तुलना में तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) में तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है.  इसकी वजह आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के सकारात्मक संकेत मिलना है. आईसीआरए की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. रिपोर्ट में कहा गया कि नवंबर के प्राथमिक डेटा से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं.  बिजली की मांग में वृद्धि देखने को मिली है. फेस्टिव सीजन में मांग बढ़ने के कारण वाहनों के पंजीकरण में भी इजाफा हुआ है.  

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इन ट्रेंड्स को देखकर आईसीआरए को लगता है कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही से अधिक रहेगी. आईसीआरए की रिपोर्ट के मुताबिक, मोबिलिटी और ट्रांसपोर्ट के आर्थिक संकेताकों में काफी बढ़त देखने को मिली है. अक्टूबर 2024 में वाहन पंजीकरण में सालाना आधार पर 32.4 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है. यह सितंबर 2024 में हुई 8.7 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले काफी सकारात्मक है.  

रिपोर्ट के मुताबिक दोपहिया वाहनों का उत्पादन 13.4 प्रतिशत बढ़ा है. रेल माल ढुलाई में 1.5 प्रतिशत का सुधार हुआ है.  वहीं, डीजल खपत में मामूली 0.1 प्रतिशत की बढ़त हुई है. सितंबर में डीजल की खपत में 1.9 प्रतिशत की गिरावट हुई थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत के गैर-तेल निर्यात में अक्टूबर 2024 में सालाना आधार पर 25.6 प्रतिशत की बढ़त हुई है. वहीं, सितंबर में यह 6.8 प्रतिशत थी. इस वृद्धि में मुख्य योगदान इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, केमिकल और रेडीमेड गारमेंट्स आदि का रहा है.  रिपोर्ट में आगे बताया गया कि आईसीआरए के बिजनेस एक्टिविटी मॉनिटर, जो आर्थिक गतिविधि का एक समग्र संकेतक है, इसमें अक्टूबर 2024 में सालाना आधार पर 10.1 प्रतिशत की वृद्धि दिखी गई है, जो आठ महीनों में सबसे अधिक है. इनपुट-आईएएनएस  

 

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