Hindenburg Allegations on Madhabi Puri Buch: भारतीय म्युचुअल फंड एसोसिएशन (AMFI) ने सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच का समर्थन करते हुए बयान जारी किया है. AMFI का कहना है कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा हाल ही में किए गए खुलासों का मकसद चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के भारतीय पूंजी बाजार में योगदान को कमजोर करना है. साथ ही, यह देश की आर्थिक प्रगति को भी नुकसान पहुंचा रहा है और बाजार में भरोसे की कमी पैदा कर रहा है. AMFI ने साफ कहा क‍ि हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मकसद केवल सनसनी पैदा करना है.


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बढ़ती इकोनॉमी को नुकसान पहुंचेगा


AMFI की तरफ से कहा गया क‍ि बाजार में जो कुछ हो रहा है, उसे सही नजरिये से देखा जाना चाहिए. ऐसा लगता है कि कुछ लोग बेमतलब की बातें जोड़-तोड़ कर बड़ी खबरें बना रहे हैं. अगर ऐसा चलता रहा तो देश की तेजी से बढ़ती इकोनॉमी को नुकसान पहुंच सकता है. इन आरोपों में हमारे देश के नियमों और हालात को समझने की कमी है और ये हमारे देश की मेहनत से हासिल की गई उपलब्धियों को खराब करने की कोशिश है.


घरेलू और विदेशी निवेशकों को भरोसा रखना चाहिए
भारत एक विकसित देश बनने की तरफ लगतार बढ़ रहा है और ऐसे आरोप इसमें बाधा डाल सकते हैं. घरेलू और विदेशी निवेशकों को भरोसा रखना चाहिए कि भारत की वित्तीय व्यवस्था सुरक्षित, पारदर्शी है और विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है. AMFI की तरफ से कहा गया क‍ि बहुत सारे लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं क्योंकि यह अब और भी पारदर्शी है. नियामक ने यह सुन‍िश्‍च‍ित करने का बीड़ा उठाया कि प्रोडक्ट्स निवेशकों के हित में हो. इन बदलावों से न सिर्फ प्रोडक्ट्स पारदर्शी बने हैं बल्कि इन्हें ग्राहकों के लिए बेहद प्रभावी बनाया गया है.


हिंडनबर्ग की तरफ से आरोप लगाया गया क‍ि बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में गुप्त रूप से कुछ विदेशी फंड्स में निवेश किया है. ये वही फंड्स हैं जिनका इस्तेमाल अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने कथित तौर पर पैसा घुमाने और शेयर की कीमतें बढ़ाने के लिए किया था. माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की तरफ से जारी संयुक्त बयान में इन आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताया गया है.