अनिल अंबानी के हाथों से निकलने वाली है एक और कंपनी, ₹9861 करोड़ की डील के लिए हिंदुजा समूह ने डेडलाइन से पहले चुकाए पैसे
Reliance Capital: कभी एशिया के छठे सबसे अमीर उद्योगपति अनिल अंबानी कर्ज के जाल में ऐसे फंसे कि उनके हाथों से एक और कंपनी निकलने जा रही है. रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए हिंदुजा समूह की कंपनी ने एक कमद और बढ़ा दिया है.
Anil Ambani Reliance Capital: उद्योगपति अनिल अंबानी के हाथ से एक और कंपनी निकल गई. अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी अब उनके हाथों से निकल गई. रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाली हिंदुजा समूह की सब्सिडियरी कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (IIHL) ने पैसे भुगतान की शुरुआत कर दी है. NCLT के आदेश के बाद कंपनी ने 2750 करोड़ रुपये एस्क्रो अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए हैं. कभी एशिया के छठे सबसे अमीर उद्योगपति अनिल अंबानी कर्ज के जाल में ऐसे फंसे कि उनके हाथों से एक और कंपनी निकलने जा रही है. रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए हिंदुजा समूह की कंपनी ने एक कमद और बढ़ा दिया है.
अनिल अंबानी के हाथ से निकल गई ये कंपनी
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद IIHL ने 2750 करोड़ रुपये डेडलाइन खत्म होने से पहले एस्क्रो अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए हैं. कंपनी ने बैंकों की एक बाइंडिंग टर्म शीट भी जमा की है, जिसमें कंपनी ने ट्रांजैक्शन की फंडिंग के लिए बैंकों के लोन की पूरी डिटेल दी है. दरअसल एनसीएलटी ने कंपनी को 10 अगस्त से पहले कर्जदाताओं की समिति और विस्तारा द्वारा नामित एस्क्रो अकाउंट में 2750 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने को कहा था.
9861 करोड़ रुपये में बिकने वाली है अनिल अंबानी की कंपनी
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल की हिस्सेदारी खरीदने के लिए IIHL ने सबसे बड़ी बोली लगाई थी. दिसंबर 2022 में हिंदुजा समूह ने 9861 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी. हालांकि इस रकम को चुकाने में कंपनी के पसीने छूट रहे हैं. कंपनी को बैंकों की ओर से लोन नहीं मिल सका. कंपनी ने सस्ती दरों पर लोन के लिए कई बैंकों से संपर्क किया, लेकिन बात बन न सकी. अब कंपनी 7300 करोड़ रुपये जुटाने में लगी हुई है. कंपनी ने अब फंड इकट्ठा करने के लिए नई प्लानिंग की है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुजा ग्रुप को बैंकों की ओर ने अच्छा रिस्पांस नहीं मिला तो अब वो पैसे जुटाने के लिए बॉन्ड के जरिए फंड इकट्ठा करेगी. कंपनी ने नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) इश्यू के जरिए 4300 करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बनाई है.
अनिल अंबानी की कंपनी पर 40,000 करोड़ का कर्ज
अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. कर्ज न चुका पाने के चलते कंपनी को दिवालिया प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है. बता दें कि रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कंपनी थी. कंपनी अपने ग्राहकों को फाइनेंस से जुड़ी करीब 20 सर्विसेस देती थी, रिलायंस कैपिटल के जरिए लाइफ इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा होम लोन, कमर्शियल लोन, इक्विटी और कमोडिटी ब्रोकिंग जैसे सेक्टर में सर्विसेस मिलरही थी. साल 2008 में रिलायंस कैपिटल के शेयर 2700 रुपये पर थे, लेकिन कर्ज के बोझ से ये ऐसी दबी की अपने आखिरी ट्रेडिंग-डे पर इस शेयर की कीमत 11.90 रुपये पर पहुंच गई थी. दिवालिया हो चुकी इस कंपनी के शेयर की ट्रेडिंग रोक दी गई.