Inflation Data: महंगाई के मोर्चे पर बजट से पहले लोगों को मिली राहत, दिसंबर में कम हुई थोक मुद्रास्फीति, अब क्या पड़ेगा इसका असर?
Wholesale Price Index आधारित मुद्रास्फीति नवंबर 2022 में 5 फीसदी से भी ज्यादा थी. नवंबर के आंकड़ों की तरफ गौर किया जाए तो नवंबर 2022 में WPI आधारित महंगाई 5.85 फीसद थी. इसके अलावा अगर पिछले साल दिसंबर के आंकड़े देखें जाए तो वो काफी चौंकने वाले थे.
Wholesale Price Index: देश में 1 फरवर 2023 को केंद्रीय बजट पेश किया जाना है. मोदी सरकार 2.0 का यह आखिरी पूर्ण बजट होने वाला है. हालांकि इससे पहले ही लोगों को राहत भरी खबर मिली है. दरअसल, बजट से पहले आए थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है. थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में घटकर 4.95 फीसदी हो गई है.
महंगाई
Wholesale Price Index (WPI) पर आधारित महंगाई दर में कमी देखने को मिली है. WPI आधारित मुद्रास्फीति गिरावट के बाद दिसंबर 2022 में 4.95% पर आ गई. वहीं इसको लेकर बताया जा रहा है कि मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों और कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के कारण महंगाई दर में गिरावट देखी गई है.
Wholesale Price Index
Wholesale Price Index आधारित मुद्रास्फीति नवंबर 2022 में 5 फीसदी से भी ज्यादा थी. नवंबर के आंकड़ों की तरफ गौर किया जाए तो नवंबर 2022 में WPI आधारित महंगाई 5.85 फीसद थी. इसके अलावा अगर पिछले साल दिसंबर के आंकड़े देखें जाए तो वो काफी चौंकने वाले थे. दिसंबर 2021 में मुद्रास्फीति 14 फीसदी से भी ज्यादा थी, तब WPI आधारित मुद्रास्फीति 14.27 फीसदी थी.
महंगाई दर
वहीं वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce & Industry) ने कहा है कि दिसंबर 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति माइनस 1.25% और ईंधन तथा बिजली की मुद्रास्फीति 18.09 फीसदी थी. वहीं विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.37 फीसदी थी. मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि दिसंबर 2022 में मुद्रास्फीति की दर में कमी मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों, वस्त्रों और केमिकल के साथ ही केमिकल प्रॉडक्ट की कीमतों में गिरावट के चलते देखने को मिली है.
क्या होगा असर?
गिरती महंगाई दर से देश पर काफी असर भी पड़ने वाला है. गिरती महंगाई दर से उम्मीदें हैं कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अब ब्याज दरों पर विचार करेगा क्योंकि RBI की ओर से पिछले कुछ वक्त से लगातार रेपो रेट में इजाफा किया जा रहा है, जिससे लोन महंगे हो रहे हैं. ऐसे में अब महंगाई पर काबू देखने के बाद ब्याज दरों में कमी आ सकती, जिससे लोन भी सस्ते होंगे.
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