नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया कि सरकार 1.5 रुपए तक एक्साइज ड्यूटी कम करेगी. वहीं, तेल कंपनियां भी प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल पर 1 रुपए कम करेंगे. इससे ग्राहकों को एक लीटर पर ढाई रुपए तक का फायदा होगा. इसके अलावा राज्यों के मुख्यमंत्रियों से 2.5 रुपए तक वैट घटाने का भी अनुरोध करेंगे.


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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए कई कदम उठाने गए हैं. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर नजर रखने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि देश में तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय वजहों से बढ़ रही हैं. क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिसका असर भारत पर ही हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश का खजाना मजबूत होता तो सरकार ईंधन की कीमतों पर और कंट्रोल कर सकती थीं.


अरुण जेटली ने कहा कि पिछले साल जब तेल की कीमतें बढ़ रही थीं तब सरकार ने अक्टूबर के महीने में तेल से एक्साइज ड्यूटी को कम किया था. वित्त मंत्री ने बताया कि एक्साइज ड्यूटी कम करने से सरकारी खजाने पर 10500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकारें भी 2.5 रुपये तक वैट कम करती हैं तो आम आदमी को एक लीटर ईंधन पर 5 रुपये का फायदा होगा.


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आज भी बढ़े दाम
बता दें कि गुरुवार को सरकार के ऐलान से पहले ही पेट्रोल-डीजल के दाम फिर बढ़े थे. पेट्रोल में 15 पैसे और डीजल की कीमत में 20 पैसे का इजाफा हुआ था. दाम बढ़ने से दिल्ली में पेट्रोल अब 84 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 75.45 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया. यह दोनों का सर्वकालिक उच्च स्तर है.


ईंधन के बढ़ते दामों को लेकर विपक्षी दल सरकार पर लगातार हमला कर रहे थे. उधर, सरकार भी इस मुद्दे को लेकर चिंतित थी. इस मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार की शाम पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी. उसके बाद गुरुवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक हाईलेवल मीटिंग हुई, जिसमें एक्साइज ड्यूटी कम करने का फैसला लिया गया.