Railway Minister Ashwini Vaishnaw: मोदी सरकार में रेलवे यात्र‍ियों को सुव‍िधाएं मुहैया कराने पर लगातार काम क‍िया जा रहा है. सेमी हाई स्‍पीड ट्रेनों का संचालन हो या रेलवे स्‍टेशनों का सौंदर्यीकरण, ऐसी चीजें हैं ज‍िनसे यात्री ट्रेन का सफर पहले से ज्‍यादा पसंद कर रहे हैं. अब रेल मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे को 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जक बनने का लक्ष्य रखा है. लोकसभा में एक लिखित उत्तर के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे ने अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कई पहल की हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रेलवे थ्री फेस वाले इलेक्ट्रिक इंजन तैयार कर रहा
कार्बन उत्सर्जन को कम करने की कोश‍िश में रेलवे की कोश‍िश में थ्री फेस वाले इलेक्ट्रिक इंजन को तैयार करने के लिए पूरी तरह से स्विचिंग ओवर जैसी कुशल तकनीक का उपयोग. इसके अलावा हेड ऑन जेनरेशन एचओजी तकनीक का उपयोग, इमारतों और कोच में एलईडी रोशनी का उपयोग, स्टार रेटेड उपकरण आद‍ि प्रमुख हैं. उन्होंने यह भी कहा क‍ि जीरो कार्बन उत्सर्जन को हास‍िल करने के ल‍िए रणनीतियों के तहत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के जर‍िये बिजली की खरीद, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए डीजल से विद्युत कर्षण में ट्रांसफर करना शामिल है.


ऊर्जा की जरूरत 8,200 मेगावाट रहेगी
रेलवे मंत्री ने कहा क‍ि 2029-30 में रेलवे की ऊर्जा की जरूरत करीब 8,200 मेगावाट होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लिए 2029-30 तक नवीकरणीय क्षमता की अपेक्षित आवश्यकता लगभग 30 हजार मेगावाट होगी. उन्‍होंने कहा, पिछले महीने की स्थिति के अनुसार, लगभग 147 मेगा वाट के सौर संयंत्र, दोनों छतों और जमीन पर और लगभग 103 मेगा वाट पवन ऊर्जा संयंत्र चालू किए गए हैं.


रेल मंत्री ने बताया आगे करीब 2150 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता का करार किया गया है. मंत्री ने कहा, इसके अलावा, रेलवे ने अपनी भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए विभिन्न बिजली खरीद मोड से अक्षय ऊर्जा की आगे भी खरीद करने की योजना बनाई है.


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहलेसबसे आगे