नई दिल्ली: किफायती दरों पर 4जी मोबाइल दूर संचार सेवाओं का लाभ उठा रहे जियो के उपभोक्ताओं के लिए दीपावली को अब जियो के 84 दिनों की वैधता वाले 459 रुपये के लोकप्रिय प्लान के लिए 15 प्रतिशत अधिक भुगतान करना होगा. कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित सूचना के अनुसार, प्रतिदिन एक जीबी हाईस्पीड 4जी डाटा की सुविधा देने वाले इस प्लान का टैरिफ बढ़ा दिया गया है. हालांकि 149 रुपये के प्लान के उपभोक्ताओं को प्रत्येक बिल साइकल में मौजूदा दो जीबी की जगह चार जीबी डाटा मिलेगा. कंपनी ने छोटे प्लान पर डाटा लाभ के अतिरिक्त टैरिफ में भी कमी की है.


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जियो ने 52 रुपये का एक सप्ताह की वैधता वाला तथा 98 रुपये का दो सप्ताह का वैधता वाला प्लान भी पेश किया है. इसके तहत उपभोक्ताओं को अनलिमिटेड कॉल-मैसेज-डाटा की सुविधा मिलेगी. इसमें प्रतिदिन हाई स्पीड डाटा की सीमा 0.15 जीबी होगी. जियो के सभी प्लान पर अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा जारी रहेगी.


कंपनी ने 509 रुपये के प्लान में भी सुविधाएं कम की है. इसके तहत उपभोक्ताओं को प्रतिदिन दो जीबी हाई स्पीड डाटा मिलता है. कंपनी ने इसकी वैधता 56 दिनों से कम कर 49 दिन कर दी है. इसी तरह 999 रुपये के प्लान में अब 90 जीबी डाटा की जगह 60 जीबी डाटा मिलेगा. इसकी वैधता 60 दिन ही रहेगी.


उसने 1999 रुपये का एक प्लान भी पेश किया है. इसके तहत 125 जीबी हाईस्पीड डाटा छह महीनों की वैधता के साथ मिलेगा. 4999 रुपये के प्लान की वैधता कंपनी ने मौजूदा 210 दिनों से बढ़ाकर एक साल कर दी है लेकिन उसने इसके तहत डाटा को 380 जीबी से घटाकर 350 जीबी कर दिया है.


रिलायंस जियो को Q2 में 270.5 करोड़ रुपये का घाटा, ग्राहकों की संख्या 13 करोड़ के पार


इससे पहले मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली नयी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो के ग्राहकों की कुल संख्या 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में बढ़कर 13.86 करोड़ हो गई. कंपनी को आलोच्य​ तिमाही में लगभग डेढ़ करोड़ नये ग्राहक मिले. कंपनी के बयान में कहा गया है कि​ सितंबर 2017 को समाप्त तीन महीने में उसे 270.5 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. जून तिमाही में यह घाटा 21.3 करोड़ रुपये रहा था. इस दौरान कंपनी की एकल परिचालन आय लगभग 6,147 करोड़ रुपये रही.


कंपनी के बयान में कहा गया है कि आलोच्य तिमाही में शुद्ध आधार पर उसे 1.53 करोड़ नये ग्राहक मिले और उसके ग्राहकों की संख्या बढ़कर 13.86 करोड़ हो गई. उल्लेखनीय है कि कंपनी के तिमाही परिणाम ऐसे समय में आए हैं जबकि दूरसंचार क्षेत्र के वित्तीय दिक्कतों को लेकर खासी चर्चा है और यह विलय व अधिग्रहण सौदों के साथ एकीकरण की राह पर है.