आख‍िरी MPC में रेपो रेट को लेकर शक्तिकांत दास ने क्‍या कहा? RBI ने जारी कर दी ड‍िटेल
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आख‍िरी MPC में रेपो रेट को लेकर शक्तिकांत दास ने क्‍या कहा? RBI ने जारी कर दी ड‍िटेल

Former RBI Governor: ब्याज दर तय करने वाली एमपीसी (MPC) में दास के अलावा तीन अन्य सदस्यों ने भी रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखने के ल‍िए वोट‍िंग की. बाकी दो सदस्‍यों ने रेपो रेट में कमी को लेकर वोट‍िंग की थी. 

आख‍िरी MPC में रेपो रेट को लेकर शक्तिकांत दास ने क्‍या कहा? RBI ने जारी कर दी ड‍िटेल

RBI MPC: एमपीसी (MPC) की प्र‍ियोर‍िटी महंगाई और इकोनॉम‍िक ग्रोथ के बीच संतुलन को बहाल करने की होनी चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तत्कालीन गवर्नर शक्तिकांत दास ने द‍िसंबर की शुरुआत में एमपीसी (MPC) की मीट‍िंग में बोला था. ब्याज दर तय करने वाली एमपीसी (MPC) में दास के अलावा तीन अन्य सदस्यों ने भी रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखने के ल‍िए वोट‍िंग की. बाकी दो सदस्‍यों ने रेपो रेट में कमी को लेकर वोट‍िंग की थी. आरबीआई (RBI) ने दिसंबर की द्विमासिक मौद्रिक नीति में रेपो रेट को पुराने लेवल पर ही बरकरार रखा. लेकिन इस दौरान नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में कटौती की.

MPC मीट‍िंग का ब्योरा शेयर क‍िया गया

आरबीआई की तरफ से हाल ही में दिसंबर की शुरुआत में हुई एमपीसी मीट‍िंग का ब्योरा शेयर क‍िया गया. इस ब्योरे के अनुसार दास ने बैठक में कहा, 'इस अहम मोड़ पर नीतिगत प्राथमिकता महंगाई दर-वृद्धि के संतुलन को बहाल करने पर होनी चाहिए. अब बुनियादी जरूरत महंगाई को कम करना है.' दास के नेतृत्व में एमपीसी (MPC) की यह आखिरी बैठक थी. आरबीआई (RBI) गवर्नर के तौर पर दास का छह साल का एक्‍सटेंडेड टेन्‍योर इस बैठके के कुछ दिन बाद ही पूरा हुआ था.

फरवरी में होगी मल्‍होत्रा की पहली एमपीसी मीट‍िंग
दास की जगह संजय मल्होत्रा ​​को आरबीआई का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है. मल्‍होत्रा फरवरी में अपनी पहली एमपीसी मीट‍िंग की अध्यक्षता करेंगे. एमपीसी (MPC) बैठक के ब्योरे के अनुसार दास ने कहा कि महंगाई और इकोनॉम‍िक ग्रोथ की बारीकी से निगरानी करते हुए अवस्फीति की व्यापक दिशा में अब तक हासिल लाभ को बचाकर रखने की जरूरत है.

दास के साथ ही सौगत भट्टाचार्य, राजीव रंजन (कार्यकारी निदेशक, आरबीआई) और माइकल देवव्रत पात्रा (डिप्टी गवर्नर, आरबीआई) ने भी ब्याज दर पर यथास्थिति के लिए मतदान किया. हालांकि समिति के बाहरी सदस्य नागेश कुमार और राम सिंह रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती के पक्ष में थे. नागेश कुमार ने कहा कि मौसमी कारणों से मुद्रास्फीति में सुधार हो सकता है, इसलिए अगर दर में कटौती की जाए, तो मुद्रास्फीति की स्थिति को खराब किए बिना आर्थिक वृद्धि को बहाल करने में मदद मिलेगी. (इनपुट भाषा से भी) 

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