Bangladesh Emergency Funds: बांग्लादेश में शेख हसीन को सत्‍ता से बेदखल क‍िये जाने के बाद पड़ोसी मुल्‍क के हालात सही नहीं चल रहे. मुहम्‍मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्‍लादेश में अंतर‍िम सरकार भले ही बन गई है लेक‍िन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. बांग्‍लादेश की इकोनॉमी ठीक नहीं चल रही. यही कारण है क‍ि बांग्लादेश सरकार ने आईएमएफ (IMF), वर्ल्‍ड बैंक और जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (JICA) से कर्ज मांगा है. रॉयटर्स की खबर में मुहम्‍मद यूनुस सरकार के लोन मांगने की जानकारी दी गई है.


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रूस और चीन कम ब्याज पर कर्ज दें


रॉयटर्स की तरफ से बताया गया क‍ि बांग्लादेश ने जो 5 अरब डॉलर की मदद मांगी है, उसमें से 3 अरब डॉलर IMF से, एक अरब डॉलर वर्ल्‍ड बैंक से और एक अरब डॉलर JICA से मांगा गया है. बांग्लादेश सरकार रूस और चीन से भी कर्ज लेने के ल‍िए भी बात कर रही है. बांग्लादेश सरकार चाहती है कि रूस और चीन कम ब्याज पर लंबे समय के लिए कर्ज दें. इससे बांग्लादेश को रूस-यूक्रेन जंग के कारण बढ़ी हुई चीजों के दाम से निपटने में मदद मिलेगी.


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450 अरब डॉलर की इकोनॉमी पर जबरदस्त दबाव
यूनुस ने एक टेलीव‍िजन संबोध‍न में कहा क‍ि हम रूस और चीन से कम ब्याज दर और लोन टेन्‍योर एक्‍सटेंशन के लिए बातचीत कर रहे हैं. उन्‍होंने बताया क‍ि सरकार बढ़ते विदेशी भुगतान से जूझ रही है. रूस-यूक्रेन जंग के कारण तेल और खाद्य आयात की लागत में तेजी से इजाफा होने से बांग्लादेश की 450 अरब डॉलर की इकोनॉमी पर जबरदस्त दबाव है. इस कारण पिछले साल IMF से 4.7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के फाइनेंश‍ियल सपोर्ट के ल‍िए मजबूर होना पड़ा.


देश को शांति से चलाना और नए चुनाव कराना मकसद
अभी बांग्लादेश में अस्थायी सरकार है. इसका मकसद देश को शांति से चलाना और नए चुनाव कराना है. लेकिन दुनियाभर में हो रही परेशान‍ियों के चलते बांग्लादेश की इकोनॉमी की हालत खराब है. यही कारण है क‍ि बांग्लादेश की वित्तीय हालात सही नहीं है. यूनुस ने कहा कि वे छह नए आयोग बनाएंगे. इन आयोग का काम संविधान, चुनाव प्रणाली, न्यायपालिका, पुलिस, भ्रष्टाचार विरोधी आयोग और लोक प्रशासन को सुधारना होगा. ये आयोग इन क्षेत्रों की जांच करेंगे और सुधार के लिए सुझाव देंगे.


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ये छह आयोग 1 अक्टूबर से काम शुरू कर देंगे और इनके तीन महीने में काम पूरा करने की उम्‍मीद है. आखिरी चरण में 3 से सात दिन तक लोगों से बातचीत करके सुधार से जुड़ी योजना बनाई जाएगी. इसमें सुधारों से जुड़ी सभी लोगों के विचार शामिल क‍िये जाएंगे. बांग्लादेश अभी खराब आर्थ‍िक हालात के कठ‍िन दौर से गुजर रहा है. ऐसे में सरकार के इमरजेंसी फंड जुटाने और सुधार के ल‍िए कदम उठाए जाने के प्रयास काफी मददगार होंगे. इससे बांग्लादेश की इकोनॉमी स्थिर हो सकती है.