Bank Privatisation News: केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से कई बैंकों का निजीकरण (Bank Privatisation update) किया जा चुका है और अब फिलहाल सरकार (Modi government) एक और बैंक को बेचने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. सरकार की तरफ से आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) को बेचने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इसके तहत एसेट वैल्युअर (Asset valuer) की नियुक्ति के लिए बोलियां मंगाई गई हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

61 फीसदी बेच रही है हिस्सेदारी
रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार एलआईसी के साथ मिलकर आईडीबीआई बैंक में लगभग 61 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है और इसके लिए उसे कई रुचि पत्र (EoI) मिले हैं.


सरकार और RBI कर रहे हैं बोलियों की जांच
सरकार और रिजर्व बैंक इस समय बोलियों की जांच कर रहे हैं. बोली लगाने वालों को बोली प्रक्रिया के दूसरे चरण में जाने के लिए सरकार और आरबीआई से जरूरी मंजूरी लेनी होंगी.


दीपम की तरफ से की जा रही देखरेख
भारत सरकार और एलआईसी की ओर से निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने सोमवार को भारतीय दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (IDBI) के साथ पंजीकृत एक प्रतिष्ठित परिसंपत्ति मूल्यांकक इकाई को नियुक्त करने के लिए आरएफपी (प्रस्ताव के लिए अनुरोध) जारी किया.


आखिरी तारीख है 9 अक्टूबर
आपको बता दें चयनित इकाई को आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करने और रणनीतिक विनिवेश में मदद करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. बोली जमा करने की अंतिम तारीख नौ अक्टूबर है.


कौन लगा सकता है बोली?
आपको बता दें सरकार और एलआईसी (LIC) के पास में आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में हिस्सेदारी है. इसके अलावा सफल बोलीदाता को पब्लिक शेयरहोल्डिंग के 5.28 फीसदी के अधिग्रहण के लिए ओपन ऑफर लाना होगा. पहले दीपम ने बताया था कि जो भी बोली लगाना चाहते हैं उसके पास में करीब 22,500 करोड़ रुपये की न्यूनतम नेटवर्थ होनी चाहिए. इसके साथ ही बोली लगाने वाले के लिए पिछले 5 साल में से 3 साल नेट प्रॉफिट में होना चाहिए. 


इनपुट - भाषा एजेंसी