Bank RD VS SIP: आज के समय में पैसे निवेश करने के कई ऑप्शन बाजार में मौजूद है, लेकिन अगर आप 5000 रुपये प्रति माह निवेश करना चाहते हैं. तो आज हम आपको बताएंगे कि कौन सा ऑप्शन इसके लिए बेस्ट है. आप आरडी या फिर एसआईपी किसी में भी पैसा लगा सकते हैं, लेकिन आपको कहां पर ज्यादा ब्याज का फायदा मिलेगा आइए आपको बताते हैं. 


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RD में मिलता है फिक्स ब्याज
रिकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit- RD) या फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (Fixed Deposit- FD) जैसी स्‍कीम्‍स में निवेश करना पसंद करता है क्‍योंकि इसमें आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है. वहीं, एसआईपी में ब्याज की राशि फिक्स नहीं होती है. 


पोस्ट ऑफिस RD में कितना मिलेगा ब्याज?
अगर आप आरडी में 5000 रुपये निवेश करते हैं तो इसमें आपको 5.8 फीसदी की दर से ब्याज का फायदा मिलेगा. आरडी कैलकुलेटर के मुताबिक, आपने 5000 रुपये प्रति माह निवेश किए हैं तो इस हिसाब से 3 लाख रुपये का फंड बनता है, जिसमें आपको 48,480 रुपये ब्याज के रूप में मिलेंगे. यानी 5 सालों बाद आप 3,48,480 रुपये प्राप्‍त करेंगे.


SIP में निवेश पर कितना मिलेगा फायदा?
अगर आप 5 सालों तक 5000 रुपये प्रति माह की एसआईपी कराते हैं तो आपको इसमें कुल 3 लाख रुपये निवेश करने होंगे. वहीं, अगर ब्याज की दर की बात की जाए तो इसमें औसतन 12 फीसदी की दर से ब्याज का फायदा मिलता है, जिसमें आपको 1,12,432 रुपये मिलेंगे, इस तरह 5 सालों बाद आपको 4,12,432 रुपए मिलेंगे. इसके अलावा इसमें ब्याज की दर फिक्स नहीं रहती है मार्केट के रिटर्न के हिसाब से ये 14 से 18 फीसदी भी हो सकती है. तो इस हिसाब से आरडी की तुलना में एसआईपी ज्यादा बेस्ट ऑप्शन है, लेकिन इसमें रिस्क भी रहता है. 


RD के फायदे-
>> आरडी स्कीम में निवेश वेतनभोगी लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है क्योंकि उन्हें एक बार में एकमुश्त राशि का निवेश नहीं करना पड़ता है जैसा कि फिक्स्ड डिपॉजिट में होता है. 
>> आरडी निवेश में निवेशक को हर महीने अपनी आय का एक हिस्सा ही निवेश करना होता है, जिसकी राशि पूर्व निर्धारित होती है. यह युवाओं में बचत की आदत डालने के लिए भी एक अच्छा साधन है; अनावश्यक खर्चों में कटौती करने में भी उनकी मदद करता है.
>> आरडी की परिपक्वता के समय ब्याज सहित मूल राशि वापस कर दी जाएगी. इस राशि का उपयोग अल्पकालिक वित्तीय स्थितियों जैसे छुट्टियों पर जाने, बच्चों के लिए वार्षिक ट्यूशन फीस, शादी के खर्च, उच्च शिक्षा के खर्च आदि के लिए किया जा सकता है.