Changes: देशवासियों को झटका! 1 नवंबर से हो गए बड़े बदलाव, लोगों की जेब पर पड़ेगा असर
LPG: देश में 1 नवंबर से कई बदलाव देखने को मिले हैं. इन बदलावों का असर लोगों की आम जिंदगी पर भी पड़ेगा. इसके साथ ही गैस सिलेंडर को लेकर भी बड़ा अपडेट सामने आया है. आइए जानते हैं देश में हुए बड़े बदलावों के बारे में...
Rule Changes: एक नवंबर की तारीख के साथ ही नए महीने का आगाज हो गया है. इसके साथ ही देश में कई अहम बदलाव भी हो गए हैं. इन बदलावों के साथ ही लोगों की जेब पर भी असर पड़ने वाला है और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी इससे प्रभावित होगी. देश के लोगों को इन अहम बदलावों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, नहीं तो दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं इनके बारे में...
गैस सिलेंडर के दाम में इजाफा
नवंबर की शुरुआत के साथ ही लोगों को महंगाई का बड़ा झटका लगा है. कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं. अब इनके दाम 101.50 रुपये तक बढ़े हैं. नई दरें 1 नवंबर, 2023 से लागू हो चुकी हैं. इसके साथ ही अब राजधानी दिल्ली में 19 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1833 रुपये हो गई हैं. वहीं घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
अप्रत्याशित लाभ कर बढ़ाया
सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (Windfall Profit Tax ) को बढ़ा दिया जबकि डीजल निर्यात पर कर में कटौती कर दी गई. घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क या एसएईडी के रूप में लगाया जाने वाला कर 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,800 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. डीजल के निर्यात पर एसएईडी को चार रुपये प्रति लीटर से घटाकर दो रुपये प्रति लीटर और विमान ईंधन (एटीएफ) पर इसे एक रुपये प्रति लीटर से घटाकर शून्य कर दिया गया है. पेट्रोल के निर्यात पर एसएईडी पहले ही शून्य है. नई दरें 1 नवंबर से लागू हैं.
बीएसई शुल्क
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की ओर से ऐलान किया गया था कि वो 1 नवंबर से इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट पर लेनदेन फीस को बढ़ाएगा. एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स ऑप्शंस पर ये फीस बढ़ाई जाएगी. शुल्क बढ़ने से खुदरा निवेशकों और व्यापारियों पर इसका नेगेटिव असर पड़ेगा.
जीएसटी चालान
1 नवंबर से 100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा का बिजनेस करने वालों को 30 दिनों के अंदर ही ई-चालान पोर्टल पर जीएसटी चालान अपलोड करना होगा.
पॉलिसी होल्डर की केवाईसी
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने भी अहम कदम उठाया है. अब 1 नवंबर से सभी बीमाधारकों के लिए KYC अनिवार्य कर दिया गया है.