Brazil not to join China’s BRI: चीन के ड्रीम प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है. ब्रिक्स के एक और देश ने  चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट बेल्‍ट एंड रोड प्रोजेक्ट को बड़ा झटका दिया है. ब्राजील ने खुद को बीआरआई प्रोजेक्ट से अलग रखने का फैसला किया है. इसके साथ ही चीन के मंसूबों पर पानी फिर गया है. दरअसल चीनका फोकस बीआरआई के विस्तार पर है. 


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ब्राजील ने दिया झटका  


ब्राजील ने चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट को झटका दिया है. उसने इसमें न शामिल होने का फैसला लिया है. इससे पहले अमेरिका ने ब्राजील को आगाह किया था कि वह चीन के कर्ज का जाल कहे जाने वाले बीआरआई की समीक्षा करे. भारत के बाद ब्राजील से इस प्रोजेक्ट में शामिल नहीं होने से चीन को बड़ा झटका लगा है. बता दें कि भारत और ब्राजील दोनों ही ब्रिक्‍स के संस्‍थापक सदस्‍य हैं .  


चीन के बीआरआई में से दूर हुए ब्रिक्स के ये दो देश 


चीन की बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) योजना को झटका देते हुए ब्राजील ने बीजिंग की अरबों डॉलर की इस पहल में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है. इस प्रकार वह ब्रिक्स समूह में भारत के बाद दूसरा देश बन गया है, जिसने इस विशाल परियोजना का समर्थन नहीं किया है. ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा के विशेष सलाहकार सेल्सो एमोरिम ने सोमवार को कहा कि ब्राजील बीआरआई में शामिल नहीं होगा, बल्कि चीनी निवेशकों के साथ साझेदारी के वैकल्पिक तरीके खोजेगा.  उन्होंने ब्राजील के अखबार ओ ग्लोबो से कहा कि ब्राज़ील "चीन के साथ संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाना चाहता है, बिना किसी परिग्रहण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.


उन्होंने कहा, हम कोई संधि नहीं कर रहे हैं.  हांगकांग से संचालित अखबार ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर के अनुसार ब्राजील का यह फैसला चीन की इस योजना के विरोधाभासी है कि 20 नवंबर को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ब्रासीलिया की राजकीय यात्रा के दौरान इसे मुख्य रूप से अंजाम दिया जाए. अखबार के अनुसार ब्राजील के अर्थव्यवस्था और विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों ने हाल में इस विचार का विरोध किया था.