ब्रोकर्स को मार्जिन नियमों पर मिली बड़ी राहत, सेबी ने पेनाल्टी को लेकर दिया ये फैसला
सेबी ने नए मार्जिन नियमों को लेकर ब्रोकर्स को बड़ी राहत दी है. सेबी ने ब्रोकर्स को 15 सितंबर तक मार्जिन में कमी रहने पर या मार्जिन नहीं वसूलने पर पेनाल्टी नहीं लेने का फैसला किया है.
नई दिल्ली: सेबी ने नए मार्जिन नियमों को लेकर ब्रोकर्स को बड़ी राहत दी है. सेबी ने ब्रोकर्स को 15 सितंबर तक मार्जिन में कमी रहने पर या मार्जिन नहीं वसूलने पर पेनाल्टी नहीं लेने का फैसला किया है. ये राहत कैश और डेरिवेटिव्स दोनों किस्म के सौदों पर लागू होगी. पहले सेबी ने क्लाइंट्स के मार्जिन में कमी होने या फिर मार्जिन नहीं वसूलने पर पेनाल्टी लेने का ऐलान किया था, ये व्यवस्था एक सितंबर से लागू हो चुकी है. इससे ब्रोकर्स काफी परेशान थे.
मार्जिन पर ब्रोकर्स को मिली बड़ी राहत
सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा है कि बड़ी संख्या में क्लाइंट्स की सिक्योरिटीज प्लेज (गिरवी) होने से सिस्टम में कंजेशन की शिकायतें मिली हैं. जिससे मार्जिन कलेक्शन की जरूरतों को पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं. इसे देखते हुए ये तय किया गया है कि क्लाइंट मार्जिन कलेक्शन में कमी रहने, कलेक्शन नहीं कर पाने की हालत में ब्रोकर्स पर कोई पेनाल्टी नहीं लगाई जाएगी. ये राहत अगले 15 दिनों तक यानि 15 सितंबर तक लागू रहेगी. ताकि ब्रोकर्स नए सिस्टम को बेहतर तरीके से चला सकें.
हालांकि ब्रोकर्स की मांग थी कि सिस्टम को एक महीने तक के लिए और टाल दिया जाए, लेकिन सेबी ने इसे टालने से इनकार कर दिया, इसके बाद ब्रोकर्स ने कल सेबी को एक और चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने पेनाल्टी को 15 सितंबर तक टालने की मांग की थी.
ब्रोकर्स ने लिखी थी सेबी को चिट्ठी
1. ब्रोकर्स ने सेबी से कहा कि 15 सितंबर तक मार्जिन शॉर्ट हो तो पेनाल्टी न लगाएं
2. कैश, डेरिवेटिव सेगमेंट में पेनाल्टी नहीं लगाए जाए,
3. मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MIIs) के दावे और ज़मीनी हकीकत बिल्कुल अलग है
4. मार्जिन प्लेजिंग/रीप्लेजिंग में भारी अड़चनें आ रही हैं
5. दिन से शेयर और फंड का रेगुलर पे ईन-पे आउट नहीं हो पा रहा है
6. रेगुलर पे-ईन और पे-आउट न हो पाने से नियम टूट रहे हैं
7. प्लेज, को-लैटरल के सिस्टम को सितंबर तक जारी रखें
8. एक्सचेंज में पहली बार समय पर सेटलमेंट नहीं हुआ
9. सितंबर को होना वाला सेटलमेंट अगले दिन सुबह हुआ.
10. तकनीकी तौर पर सिस्टम अभी तैयार नहीं है.
सेबी की इस राहत से ब्रोकर्स को सिस्टम को समझने, उसे सुचारू रूप से चलाने का वक्त मिलेगा. लेकिन ये तय है कि ब्रोकर्स को सेबी के मार्जिन नियमों का पालन हर हाल में करना ही होगा. डेरिवेटिव्स सौदों पर मार्जन के नियम 1 दिसंबर से लागू होने हैं.