EPFO: कंपनियों की तरफ से अपने कर्मचारियों का EPFO के तहत रजिस्ट्रेशन कराए जाने के बाद उनकी बेसिक सैलरी में से 12 प्रतिशत काटकर पीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है. इतना ही पैसा कंपनी को अपनी तरफ से जमा करना होता है.
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EPFO Maafi Scheme: अगर आप भी सैलरीड क्लास हैं और हर महीने आपका पीएफ काटा जाता है तो इस खबर से आपका अपडेट रहना जरूरी है. जी हां, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) 'माफी योजना' लाने की तैयारी कर रहा है. इस योजना को लाने के पीछे कंपनियों को फायदा देने का मकसद है. इस योजना के तहत ऐसी कंपनियों और फर्मों को फायदा होगा, जो वित्तीय भार या अन्य किसी कारण से अपना ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा नहीं करा पाई हैं या ईपीएफओ अकाउंट को एक्टिव नहीं रख पाई. इसको लेकर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के आदेश पर योजना का खाका तैयार किया जा रहा है. हिन्दुस्तान समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर के अंत तक नई योजना को लेकर घोषणा की जा सकती है.
क्या है माफी योजना?
सूत्रों के अनुसार सरकार की माफी योजना रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ELI) का ही हिस्सा होगी. फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के आम बजट में केंद्र की तरपफ से रोजगार को बढ़ाने और श्रमिकों को आर्गेनाइज्ड सेक्टर से जोड़ने के लिए ईएलआई योजना का ऐलान किया गया था. इसके तहत ईपीएफओ में रजिस्टर किये जाने वाले कर्मचारियों को तीन किस्तों में 15 हजार रुपये दिये जाएंगे. यह पैसा करीब एक महीने की सैलरी के बराबर होती है.
देश के युवाओं के लिए बड़ी राहत वाली खबर
माना जा रहा है कि नई पहल ईएलआई योजना का ही हिस्सा होगी और इसका मकसद युवाओं को रोजगार के लिए प्रोत्साहित करना और संगठित क्षेत्र में रोजगार के मौकों को बढ़ाना है. योजना देश के युवाओं के लिए बड़ी राहत वाली खबर है, क्योंकि इससे उन्हें नौकरी खोजने में मदद मिलेगी और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनने का मौका भी मिलेगा. सरकार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नई नौकरियां पैदा करने के लिए कुछ खास कदम उठा रही है.
नए कर्मचारियों को हर महीने 3000 रुपये की मदद
सरकार ऐसी कंपनियों को पैसा देगी जो नए कर्मचारियों को नौकरी पर रखेंगी. जो कंपनियां नए कर्मचारियों को नौकरी देंगी, उन्हें सरकार की तरफ से हर महीने 3000 रुपये दिये जाएंगे. यह पैसा दो साल तक दिया जाएगा. यदि कोई कंपनी किसी नए कर्मचारी को नौकरी पर रखती है तो उसे उस कर्मचारी को ईपीएफ (EPF) में डालना होता है. सरकार कंपनियों को ईपीएफ के पैसे में भी मदद करेगी. सरकार की तरफ से यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि कंपनियां ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरी दें.
फिर से ईपीएफओ से जुड़ने का मौका दिया जाएगा
कुछ कंपनियों ने कर्मचारियों के ईपीएफ में पैसे जमा नहीं कराए थे, जैसा कि नियम है. ईपीएफ एक तरह का अकाउंट है, जिसमें कंपनी और कर्मचारी दोनों पैसे जमा करते हैं. जब कोई कंपनी ईपीएफ में पैसे जमा नहीं करती तो उसके कर्मचारियों का ईपीएफ अकाउंट काम नहीं करता. इस योजना को ऐसी कंपनियों के लिए लाने की योजना है, जिन्होंने साल 2017 से 2024 के बीच ईपीएफ के नियमों का पालन नहीं किया था. अब सभी कंपनियों को योजना के तहत राहत देकर फिर से ईपीएफओ से जुड़ने का मौका दिया जाएगा.
क्या कहता है नियम?
किसी कंपनी में 20 से ज्यादा लोग काम करते हैं तो उस कंपनी को ईपीएफओ में अपना नाम जरूर दर्ज कराना होता है. ईपीएफओ ऐसी योजना है, जिसमें कंपनी और कर्मचारी दोनों पैसे जमा करते हैं, ताकि भविष्य में कर्मचारी को पैसा मिल सके. बहुत सी छोटी कंपनियां इस नियम को नहीं मानती. यानी, इन कंपनियों में 20 से ज्यादा लोग काम करते हैं लेकिन उन्होंने ईपीएफओ में नाम नहीं लिखवाया या समय पर पैसे जमा नहीं कराए. जिसकी वजह से उनके कर्मचारियों का ईपीएफओ अकाउंट बंद हो गया.