EPFO News: अगर आप भी नौकरीपेशा हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, इस बार के यून‍ियन बजट (Union Budget) के बाद आपकी सैलरी से कटने वाला प्रोव‍िडेंट फंड (PF) बढ़ सकता है. CNBC में प्रकाश‍ित खबर में दावा क‍िया गया है क‍ि प्रोविडेंट फंड (PF) के ल‍िए सैलरी की अधिकतम सीमा को बढ़ाया जा सकता है. इस बार के यूनियन बजट में इसको लेकर ऐलान क‍िया जा सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में वेज सिलिंग (Wage Ceiling) बढ़ाने को लेकर घोषणा कर सकती हैं.


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10 साल बाद वेज स‍िल‍िंग में होगा बदलाव


आपको बता दें अभी प्रोविडेंट फंड के लिए वेज सिलिंग 15,000 रुपये है. इससे पहले इसमें 1 सितंबर 2014 में बदलाव क‍िया गया था, उस समय इसे 6500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये क‍िया गया था. प‍िछले द‍िनों इसे 15000 से बढ़ाकर 25000 रुपये करने का प्रस्‍ताव द‍िया गया था. इस प्रस्‍ताव पर अमर हुआ तो 10 साल बाद यह पहला मौका होगा, जब वेज‍ स‍िल‍िंग में बदलाव क‍िया जाएगा. लेबर मि‍न‍िस्‍ट्री ने इसको लेकर प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है.


कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड में योगदान बढ़ जाएगा!
पीएफ फंड के तहत वेज सिलिंग बढ़ने से कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड में योगदान बढ़ जाएगा और उनकी पीएफ में सेव‍िंग बढ़ जाएगी. सरकार सोशल सिक्योरिटी का दायरा बढ़ाने के ल‍िए इस प्रस्ताव पर व‍िचार कर रही है. न्यूनतम सैलरी ल‍िम‍िट बढ़ने का असर सरकारी और प्राइवेट सेक्‍टर दोनों के कर्मचार‍ियों पर पड़ेगा. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) की भी 2017 से 21,000 रुपये की वेतन सीमा है. लेबर म‍िन‍िस्‍ट्री का मानना है क‍ि ईपीएफ और ईएसआईसी (ESIC) के तहत वेतन सीमा एक जैसी होनी चाह‍िए.


कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 (EPFO) के तहत सैलरी का एक हिस्सा कर्मचारी और एक हिस्सा कंपनी जमा करती है. इसमें एम्‍पलाई और एम्‍पलॉयर की तरफ से 12%-12% राश‍ि जमा की जाती है. कर्मचारी की सैलरी से काटा गया पूरा पैसा उसके पीएफ अकाउंट में जमा होता है. कंपनी के योगदान का 8.33% EPS में जाता है, बाकी का 3.67% पीएफ अकाउंट में जमा हो जाता है.


कब कितनी बढ़ी वेज सिलिंग
> 1 नवंबर 1952 से 31 मई 1957 तक---300 रुपये
> 1 जून 1957 से 30 दिसंबर 1962 तक---500 रुपये
> 31 दिसंबर 1962 से 10 दिसंबर 1976 तक---1000 रुपये
> 11 दिसंबर 1976 से 31 अगस्त 1985 तक---1600 रुपये
> 1 सितंबर 1985 से 31 अक्टूबर 1990 तक---2500 रुपये
> 1 नवंबर 1990 से 30 सितंबर 1994 तक----3500 रुपये
> 1 अक्टूबर 1994 से 31 मई 2011 तक----5000 रुपये
> 1 जून 2001 से 31 अगस्त 2014 तक----6500 रुपये
> 1 सितंबर 2014 से अब तक----15000 रुपये