Standard Deduction For Salaried Class: मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता में वापसी करने के बाद मिडिल क्लास की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं. बजट से जुड़े जानकारों का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार स्टैंडर्ड डिडक्शन और एनपीएस में टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत दे सकती हैं.
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NPS in Budget 2024: मोदी सरकार के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद 23 जुलाई 2024 को पेश होने वाले पूर्ण बजट में से पर्सनल टैक्सपेयर्स की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं. इस बार के बजट में मिडिल क्लास को फोकस करने वाला हो सकता है. इस बार के बजट में उम्मीद है कि सरकार की तरफ से राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) मेंबर को राहत देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं. इस बार के बजट में एनपीएस कन्ट्रीब्यूशन पर टैक्स छूट (tax exemption) लिमिट को बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया जा सकता है, अभी यइ लिमिट 10 प्रतिशत है.
ओल्ड टैक्स रिजीम में कटौती का फायदा
एनपीएस (National Pension Scheme) में निवेश पर इनकम टैक्स की ओल्ड रिजीम के तहत कटौती का फायदा मिलता है. यह बुढ़ापे में सुरक्षा देने के लिए सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली सेविंग स्कीम है. इसे पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) की तरफ से रेग्युलेट किया जाता है. इसमें जमा किया गया पैसा और उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है. लेकिन पैसा निकालते समय थोड़ा टैक्स लगता है. अब पीएफआरडीए (PFRDA) की तरफ से टैक्स छूट बढ़ाने की सिफारिश की गई है. रेग्युलेटर का कहना है कि टैक्स के मामले में ईपीएफओ की तरह ही एनपीएस में कॉन्ट्रीब्यूट करने वाली कंपनियों और नियोक्ताओं के लिए समान अवसर होने चाहिए, अभी इसमें असमानता है.
सैलरी का 10% तक जमा करने की सुविधा
एनपीएस (National Pension Scheme) के तहत सैलरीड क्लॉस सैलरी का 10% तक जमा कर सकते हैं. बिजनेस करने वाले अपनी कुल कमाई का 20% तक जमा कर सकते हैं. यह इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80CCD(1) के तहत मिलने वाला फायदा है. पुरानी कर व्यवस्था में इसे धारा 80 सी के तहत मिलने वाले 1.5 लाख रुपये की सीमा के साथ जोड़ा जा सकता है. यदि आप ओल्ड टैक्स रिजीम में स्वेच्छा से एनपीएस में जमा किए गए राशि पर अतिरिक्त रूप से 50,000 रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं. यह इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80CCD(1B) के तहत मिलता है.
NPS की लिमिट बढ़ने के दो फायदे
बजट 2024 में सैलरीड टैक्सपेयर NPS में स्वैच्छिक योगदान के लिए मिलने वाला अतिरिक्त कटौती 50,000 रुपये तक सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत ही मिलता है. उम्मीद है कि सरकार इस कटौती को नई कर व्यवस्था में भी लागू करेगी. इसके दो फायदे होंगे. पहला यह कि न्यू टैक्स रिजीम में भी टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त कटौती का फायदा मिल सकेगा. दूसरा, यह कि न्यू टैक्स रिजीम के साथ-साथ रिटायरमेंट स्कीम में भी ज्यादा निवेश होगा.
योगदान बढ़ा तो इनहैंड सैलरी होगी कम!
अभी एम्पलॉयर के योगदान (अधिकतम 10%) के बारे में कटौती पुरानी और नई दोनों तरह की टैक्स रिजीम के तहत दी जाती है. सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 12% करने पर विचार कर सकती है. ऐसा होता है तो यह पीएफ योगदान में 12% तक की छूट की तरह हो जाएगी. इससे सभी सैलरीड क्लॉस टैक्सपेयर को फायदा हो सकता है. हालांकि, एम्पलॉयर का योगदान बढ़ने से कर्मचारी के हाथ में आने वाली राशि सैलरी कम हो सकती है. न्यू टैक्स रिजीम को अब पसंदीदा टैक्स रिजीम बनाने की कोशिश की जा रही है. इसमें आपको टैक्स रेट कम मिलता है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ चीजों पर मिलने वाले छूट को छोड़ना पड़ता है.
स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाने पर भी विचार
इसके अलावा अभी न्यू टैक्स रिजीम के तहत मिलने वाली 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 75,000 रुपये करने पर विचार कर सकती है. इससे सैलरीड क्लॉस को फायदा होगा, चाहे उन्होंने किसी भी टैक्स रिजीम को सिलेक्ट किया हो. महंगाई और बढ़ती हुई कीमत को देखते हुए सरकार की तरफ से इसे बजट 2024 में लागू किया जा सकता है. न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए सरकार कुछ बदलाव पर विचार कर सकती है.