Turmeric Vertical Farming: हल्‍दी की खेती के बारे में तो आपने सुना ही होगा. लेक‍िन इससे होने वाली कमाई के बारे में यद‍ि हम यह कहें क‍ि आपको इससे लाखों नहीं करोड़ों का फायदा होने वाला है, वो भी हर साल तो शायद आपको यकीन न हो. लेक‍िन यह है पूरी तरह सच. दरअसल, देश में लगातार बढ़ती आबादी, घर-मकान और फैक्‍ट्री के कारण खेती की जमीन कम होती जा रही है. ऐसे में कम खेती में भी ज्‍यादा फायदा पाने के ल‍िए जरूरी है खेती की नई तकनीक आजमाने का.


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कम जमीन में ज्‍यादा पैदावार
ऐसी ही एक टेक्‍न‍िक का नाम है वर्टिकल फार्मिंग. इस तरीके से एग्रीकल्चर से जुड़ी बड़ी-बड़ी कंपन‍ियां खेती करती हैं. लोगों का दावा है क‍ि इस तकनीक के जर‍िये एक एकड़ जमीन में  100 एकड़ के बराबर पैदावार की जा सकती है. यदि आप भी ब‍िजनेस शुरू करने का प्‍लान कर रहे हैं तो हल्दी की वर्टिकल फार्मिंग करके अपने सपनों को पंख लगा सकते हैं. इससे आपको होगा जबरदस्‍त फायदा.


वर्टिकल फार्मिंग के ल‍िए इन चीजों की होगी जरूरत
वर्टिकल फार्मिंग के ल‍िए सबसे पहले आपको जीआई पाइप की जरूरत होती है. इन पाइप पर 2-3 फीट गहरे और 2 फीट चौड़े लंबे-लंबे कंटेनर्स को वर्टिकल तरीके से सेट किया जाता है. प्रत्‍येक कंटेनर का ऊपरी हिस्सा ओपन रहता है. इसमें ही हल्दी को उगाया जाता है.


कैसे होती है खेती?
हल्दी की वर्टिकल फार्मिंग के ल‍िए 10-10 सेमी की दूरी पर बॉक्‍स को आड़े-तिरछे तरीके से लगाया जाता है. मिट्टी वाले कंटेनर में हल्दी के बीज की दो लाइनें लगाते हैं, कुछ समय बाद हल्दी उग आती है. यह सीधे ऊपर की तरफ बढ़ती है. पौधा बड़ा होने पर पत्‍त‍ियां साइडों में न‍िकल जाती हैं. हल्‍दी की खेती के ल‍िए वर्टिकल फार्मिंग सबसे सही माना गया है.


कितना होगा फायदा
उदाहरण के तौर पर सालभर में यद‍ि आपके पास 250 टन हल्दी की फसल होती है तो आपके पास ढाई करोड़ रुपये आएंगे. यद‍ि इसमें 70 से 80 लाख का खर्च भी मान लें तो आपको आराम से डेढ़ से पौने दो करोड़ रुपये बच जाते हैं. इसके बाद आप हल्‍दी का पाउडर बनाकर भी बेच सकते हैं.


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