कर्मचारियों की सैलरी नहीं दे पा रहे Byju`s के मालिक! घर गिरवी रखकर लिया लोन
Byju Raveendran Net Worth: सूत्र ने बताया, कंपनी के परिचालन खर्चों में हर महीने करीब 50 करोड़ रुपये का अंतर है, जिसमें एक बड़ा पार्ट सैलरी है. प्रमोटरर्स ने इस अंतर को दूर करने के लिए परिवार के सदस्यों के शेयर, घर और कुछ अन्य अचल संपत्तियां गिरवी रखी हैं.
Byju's Financial Crisis: एडटेक कंपनी बायजूस (Byju's) पिछले कुछ समय से वित्तीय संकट से जुझ रही है. बायजू अगले साल मार्च तक कंपनी ऑपरेशंस के लिए 600-700 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की प्रक्रिया में है. सूत्रों की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई. इस बीच, कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने हाल ही में सैलरी का भुगतान करने के लिए अपने पारिवारिक सदस्यों के घर और अचल संपत्तियों को गिरवी रखा है.
घर और कुछ अन्य अचल संपत्तियां गिरवी रखीं
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि बायजू (Byju's) को मार्च, 2023 तक एपिक और अन्य सहायक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी की आंशिक बिक्री से वित्त जुटाने की उम्मीद है. एक सूत्र ने बताया, 'कंपनी के परिचालन खर्चों में हर महीने करीब 50 करोड़ रुपये का अंतर है, जिसमें एक बड़ा पार्ट सैलरी है. प्रमोटरर्स ने इस अंतर को दूर करने के लिए परिवार के सदस्यों के शेयर, घर और कुछ अन्य अचल संपत्तियां गिरवी रखी हैं.' सूत्रों की तरफ से यह भी बताया गया कि बायजू की मूल कंपनी, थिंक एंड लर्न प्राइवेट में करीब 15,000 कर्मचारियों को वेतन देने के लिए इस पैसा का उपयोग किया गया.
600-700 करोड़ का लोन जुटाने की कोशिश
एक सूत्र ने यह भी बताया कि प्रमोटर मार्च तक परिचालन में मदद के लिए 600-700 करोड़ रुपये का लोन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि मार्च, 2024 तक एपिक और कुछ अन्य सहायक कंपनियों में हिस्सेदारी की बिक्री से स्थिति सामान्य हो जाएगी. एक सूत्र ने यह भी कहा कि बायजू (Byju's) ने 20 दिसंबर को एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) बुलाई है. एजीएम में प्रमोटर्स की तरफ से गिरवी रखी गई संपत्तियों को कंपनी के बोर्ड के ध्यान में लाया जाएगा.
इस दौरान फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के वित्तीय नतीजों के बारे में भी शेयरहोल्डर्स से बातचीत होगी. एक सूत्र ने यह भी बताया कि कंपनी 160 करोड़ रुपये के प्रायोजन बकाया के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को री-पेमेंट शेड्यूल पेश करने की प्रक्रिया में है. एपिक की बिक्री उन्नत चरण में पहुंच चुकी है. इसके अलावा मौजूदा निवेशकों से भी नए फंड डालने की उम्मीद की जाती है.
इस पूरी खबर पर बायजू की तरफ से किसी प्रकार का जवाब नहीं मिला. पिछले महीने मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पई ने बायजू द्वारा डेविडसन केम्पनर से जुटाए गए 1,400 करोड़ रुपये के कर्ज का अधिग्रहण किया था. पई के स्वामित्व वाला फंड आरिन कैपिटल बायजू में 2013 में पहला संस्थागत निवेशक था.