Income Tax Return: अगर आप भी हर साल इनकम टैक्‍स र‍िटर्न (ITR) फाइल करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की तरफ से फाइनेंश‍ियल ईयर 2023-24 (AY 2024-25) के ल‍िए आईटीआर फॉर्म ITR-1 और ITR-4 को नोट‍िफाई कर द‍िया है. सीबीडीटी की तरफ से र‍िटर्न फाइल करने की अंत‍िम त‍िथ‍ि 31 जुलाई, 2024 तय की गई है. अगर लास्‍ट डेट को लेकर क‍िसी तरह का बदलाव नहीं क‍िया जाता तो इस बार सीबीडीटी ने अंत‍िम त‍िथ‍ि से सात महीने पहले ही आईटीआर फॉर्म हो नोट‍िफाई कर द‍िया है. आयकर विभाग की तरफ से यह नोट‍िफ‍िकेशन 22 दिसंबर, 2023 को जारी क‍िया गया है.


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31 मार्च से 3 महीने पहले नोट‍िफाई हुआ आईटीआर फॉर्म


इससे पहले इनकम टैक्‍स ड‍िपार्टमेंट ने बजट 2023 के ठीक बाद फरवरी 2023 में फाइनेंश‍ियल ईयर 2022-23 (AY 2023-24) के लिए ITR फॉर्म नोट‍िफाई क‍िये थे. इस साल ITR फॉर्म मौजूदा वित्तीय वर्ष के आख‍िरी तारीख 31 मार्च से 3 महीने पहले ही नोट‍िफाई कर द‍िये गए हैं. ऐसे में जानकार यह भी कह रहे हैं क‍ि टैक्‍सपेयर्स को फाइनेंश‍ियल ईयर पूरा होने से पहले उनकी कुल आमदनी के बारे में सही जानकारी नहीं हो पाएगी. आईटीआर-1 को ऐसे लोगों की तरफ से फाइल क‍िया जा सकता है ज‍िनकी सभी सोर्स से कुल आमदनी 50 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं हो. आपकी आमदनी के स्रोत में सैलरी, प्रॉपर्टी से आमदनी और अन्य स्रोत जैसे ब्याज, लाभांश आदि व कृषि आद‍ि से जुड़ी आय.


ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम के तहत ही कर सकेंगे फाइल‍िंग
कुछ मामलों में ITR-1 का उपयोग टैक्‍स पेयर की तरफ से नहीं क‍िया जा सकता. ऐसा शख्‍स जो किसी कंपनी का डायरेक्‍टर हो या उसने गैर-ल‍िस्‍टेड इक्‍व‍िटी शेयर में न‍िवेश क‍िया हो. इसके अलावा जहां सेक्‍शन 194N के तहत व्यक्ति द्वारा नकद निकासी पर टीडीएस लगाया गया हो या ESOP पर इनकम टैक्स टाल दिया गया है. फाइनेंश‍ियल ईयर 2023-24 (AU 2024-25) के लिए यद‍ि कोई आईटीआर दाखिल करना चाहता है तो उसे ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम को स‍िलेक्‍ट करना होगा.


न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम को ड‍िफॉल्‍ट लागू कर द‍िया गया
साल 2023 के बजट में न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम को ड‍िफॉल्‍ट लागू कर द‍िया गया है. इसलिए, जब तक कोई व्यक्ति न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम से बाहर नहीं न‍िकलता तो ऑनलाइन आईटीआर फॉर्म में उनका टैक्‍स न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम के बेस पर काउंट क‍िया जाएगा. न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम के तहत टैक्‍स र‍िबेट जैसे एचआरए, एलटीए, सेक्‍शन 80C, 80D आदि की सुव‍िधा नहीं है. हालांक‍ि इसमें सैलरीड क्‍लॉस के ल‍िए 50,000 रुपये के स्‍टैंडर्ड ड‍िडक्‍शन का दावा आप कर सकते हैं. एनपीएस में एम्‍पलायर के योगदान पर न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम के तहत सेक्‍शन 80सीसीडी (2) कटौती भी उपलब्ध है.


एडवांस टैक्‍स के ल‍िए जागरूकता
आयकर व‍िभाग की तरफ से अभ‍ियान चलाकर टैक्‍स पेयर्स को एडवांस इनकम टैक्‍स (Advance Income Tax) के भुगतान के ल‍िए जागरूक किया जा रहा है. Advance Income Tax कोई भी व्यक्ति वित्तीय वर्ष में होने वाली संभावित आमदनी पर द‍िया जाता है. एडवांस टैक्स व्यवसायिक स्तर पर भी चुकाया जाता है. ऐसे लोग जो सैलरी अपने ब‍िजनेस या फ्रीलासिंग के माध्‍यम से आय करते हैं उन्‍हें इनकम टैक्स की देनदारी (टीडीएस घटाकर) फाइनेंश‍ियल ईयर में 10000 रुपये से ज्‍यादा होती है तो ऐसे लोगों को एडवांस इनकम टैक्स चुकाना होता है.