Hindenburg-Adani Case: हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में सेबी चीफ और उनके पति पर आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप द्वारा इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंडों में उनका भी निवेश था. इसके बाद से ही कई अर्थशास्त्री इस बात की आशंका जता रहे हैं कि अगर सेबी चीफ का संबंध इस केस से जुड़ा है तो यह भारत में विदेशी निवेशकों के विश्वास को खत्म कर देगा. इसी बीच मशहूर लेखक चेतन भगत ने भी कहा है कि भारत की विकास गाथा के लिए विदेशी निवेशक बहुत ही मायने रखते हैं. 


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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चेतन भगत ने लिखा है, " विदेशी निवेशकों के बीच यह धारणा बने रहना बहुत जरूरी है कि भारतीय बाजार नैतिक और निष्पक्ष रूप से चलते हैं. घरेलू फैनबॉय एक हद तक खुश हो सकते हैं कि मैं नैरेटिव सेट करने में सफलर रहा. लेकिन भारत की गौरव गाथा के लिए ट्विटर चमन चिंटुओं की तुलना में विदेशी निवेशक ज्यादा मायने रखते हैं. ऐसे में भले ही यह (हिंडनबर्ग रिपोर्ट) को बढ़ा-चढ़ाकार पेश किया हो हमें इसका उचित समाधान किया चाहिए,.



SEBI चीफ पर कैसा आरोप?


हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी नई रिपोर्ट में सेबी चेयरपर्सन माधवी बुच और उनके पति धबल बुच पर आरोप लगया है कि उनके पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है जिसका उपयोग अडानी समूह में कथित धन की हेराफेरी को लेकर इस्तेमाल किया गया. 


हालांकि, SEBI चीफ और उनके पति ने संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है. इनमें तनिक भी सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और फाइनेंस एक खुली किताब की तरह है. सभी जरूरी जानकारी पहले ही सेबी को दिये जा चुके हैं. हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है.