Govt Plans For Farmers: मोदी सरकार की तरफ से किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है. उन्होंने बताया कि पीएम किसान के तहत 12.33 करोड़ किसानों को तीन लाख करोड़ रुपये बांटे गए हैं.
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Modi 3.0 Govt: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में कृषि उत्पादकता और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए किसानों के हित में कई नीतियां लागू की हैं. शाह ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बनी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में इकोनॉमी के 14 क्षेत्रों में 15 लाख करोड़ रुपये की नीतियां लागू की हैं. उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने स्टार्टअप एवं ग्रामीण उद्यमों को समर्थन देने के लिए कृषि अवसरंचना कोष (Agricultural Infrastructure Fund) की शुरुआत की है.
सात योजनाओं के तहत 14,200 करोड़ आवंटित किए
उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन को बेहतर करने के लिए सात योजनाओं के तहत 14,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. मंत्री ने पीएम-किसान योजना के तहत 9.3 करोड़ किसानों को 20,000 करोड़ रुपये वितरित करने सहित कृषि क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों का जिक्र किया. शाह ने कहा, ‘हमने पीएम-किसान के तहत 70वीं किस्त वितरित की है. अब तक 12.33 करोड़ किसानों को तीन लाख करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं.’ पीएम-किसान योजना के तहत 6,000 रुपये सालाना दिया जाता है जो डीबीटी के जरिये पात्र किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे जमा किये जाते हैं.
UPA की तुलना में मोदी सरकार ने MSP पर ज्यादा फसलें खरीदी
मंत्री ने कहा कि कृषि नीतियों को कृषक समुदाय के कल्याण और समृद्धि को ध्यान में रखते हुए लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘इससे देश के खाद्यान्न उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा जिससे किसानों की स्थिति में सुधार होगा.’ शाह ने कहा, ‘यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने एमएसपी पर अधिक फसलें खरीदी हैं. इससे पता चलता है कि एनडीए सरकार किसानों को लेकर प्रतिबद्ध है.’ उन्होंने कहा कि 2024-25 खरीफ सत्र की फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है.
अब मक्के से भी एथनॉल बन सकता है
मंत्री ने कहा कि एथनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चीनी मिलों को ‘मल्टी-फीड डिस्टिलरी’ में बदला जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘अब मिलें न केवल गन्ने के रस से बल्कि मक्के से भी एथनॉल बना सकती हैं. देश में जब चीनी बनाने के लिए गन्ने के रस की जरूरत होगी, तब मक्के से एथनॉल बनाया जाएगा. जब चीनी का उत्पादन अधिक होगा, तब चीनी के रस से एथनॉल बनाया जाएगा.’ सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को हटा दिया गया है.
शाह ने कहा कि ये नीतियां किसान कल्याण को बढ़ाने और भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं. संवाददाता सम्मेलन में शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे. (इनपुट भाषा से भी)