नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा (Indo- China border) पर बढ़ते तनाव के बीच चीनी कंपनियों को एक और झटका लगा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी कंपनियों की एंट्री बैन करने के लिए मौजूदा नियमों को और सख्त कर दिया है. यूपी सरकार (UP govt.) ने अपने सभी सरकारी टेंडर्स से चीनी कंपनियों को बाहर करने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. समझा जा रहा है कि यूपी सरकार के इस फैसले के बाद चीनी कंपनियों को भारी नुकसान होने वाला है.


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प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूपी सरकार ने पड़ोसी देश की कंपनियों को अपने सभी टेंडरों से अलग करने का फैसला कर लिया है. यूपी सरकार ने आदेश जारी किया है कि अब किसी भी सरकारी काम में पड़ोसी देश की कंपनियों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. कुल मिलाकर यूपी सरकार का ये फैसला चीनी कंपनियों को टेडर्स के अलग रखने के लिए है. नियमों में ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि अब चीनी कंपनियां आसानी से सरकारी काम में हिस्सा नहीं ले पाएंगी. इस बाबत राज्य सरकार ने सभी विभागों को निर्देश भी जारी किया है. 


नियम भी कर दिए हैं कड़े
जानकारों का कहना है कि राज्य के सभी सरकारी टेंडर्स में हिस्सा लेने के लिए नियमों को कड़ा किया गया है. अब किसी भी विदेशी कंपनी को यूपी के सरकारी टेंडर्स में हिस्सा लेने के लिए प्राधिकरण में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. साथ ही नियमों में कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन से पहले विदेशी कंपनियों को रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से राजनीतिक सहमति अनिवार्य होगा. इसके अलावा कंपनियों को गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी अनुमति लेना होगा भी आवश्यक होगा. 


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बताते चलें कि भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच इस साल जून महीने में केंद्र सरकार ने सभी सरकारी खरीद के लिए मौजूदा ई-कॉमर्स पोर्टल GeM (Government e Marketplace) पर बिकने वाले प्रोडक्ट के लिए ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’ बताना अनिवार्य कर दिया था. बताया जा रहा है कि इस फैसले से चीनी कंपनियों को बहुत ज्यादा नुकसान होने वाला है. यूपी सरकार का नया आदेश भी इसी नियम के तहत आया है.


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