नई दिल्ली: Indian Economy: एक बार फिर देश की अर्थव्यवस्था मुश्किल में फंसती दिख रही है. कोरोना की पहली मार से अभी उबरे भी नहीं हैं की दूसरी लहर ने बुरी तरह डराना शुरू कर दिया है, इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था, महंगाई और नौकरियों पर पड़ना तय है. 


पहला झटका-औद्योगिक उत्पादन गिरा


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पहला झटका इकोनॉमी को लेकर है, भारत के औद्योगिक उत्पादन (IIP) में फरवरी के महीने में 3.6 परसेंट की गिरावट दर्ज हुई है. नेशनल स्टेटस्टिकल ऑफिस (NSO) की ओर से जारी इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) डाटा के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट फरवरी 2021 में 3.7 परसेंट गिर गया. जबकि खनन उत्पादन में 5.5 परसेंट की गिरावट आई है, ऊर्जा उत्पादन में फरवरी में 0.1 परसेंट की मामूली बढ़त  हुई है. इससे पहले साल 2020 में IIP में 5.2 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी. 11 महीनों की अवधि यानी अप्रैल 2020-फरवरी 2021 के दौरान, IIP 11.3 परसेंट सिकुड़ गया है. जबकि 2019-20 की इसी अवधि में इसमें एक परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी.


ये भी पढ़ें- Covid-19 वैक्सीन लगवाओ, FD पर ज्यादा ब्याज पाओ, Central Bank ने शुरू की नई स्कीम


 


दूसरा झटका- रीटेल महंगाई दर बढ़ी 


ताजा जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च के महीने में देश में खुदरा महंगाई दर (CPI) बढ़कर 5.52 फीसदी हो गई. इसके मुकाबले फरवरी में रीटेल महंगाई 5.03 परसेंट की रफ्तार से बढ़ी थी. फरवरी में पूरे देश का औसत फूड प्राइस इंफ्लेशन 3.87 परसेंट था, जो कि मार्च में बढ़कर 4.94 परसेंट हो गया. नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO)की ओर से जारी इन आंकड़ों के मुताबिक महंगाई के बढ़ने की रफ्तार गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा रही है. मार्च में फूड इंफ्लेशन शहरी इलाकों में 6.64 परसेंट और ग्रामीण इलाकों में 3.94 परसेंट रहा है. बाकी चीजों के दाम भी शहरों में 6.52 परसेंट और गांवों में 4.61 परसेंट बढ़े हैं.


तीसरा झटका- बेरोजगारी दर बढ़ी


LIVE TV


इन सबके बीच अब रोजगार को लेकर भी निराश करने वाली रिपोर्ट सामने आई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अप्रैल 2021 को खत्‍म हुए सप्‍ताह के दौरान बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) बढ़कर 8.6 परसेंट हो गई है, जो दो हफ्ते पहले 6.7 परसेंट पर थी.
CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों में फिर निराशा बढ़ रही है. पिछले साल लॉकडाउन से लाखों लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी, लोगों का धंधा चौपट हो गया था. एक बार फिर यही संकट सामने खड़ा है, और इस बार ये ज्यादा खतरनाक है. अप्रैल में शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी दर 8 परसेंट पर पहुंच गई है. जबकि मार्च में यह दर 7.84 परसेंट ही थी. ग्रामीण क्षेत्रों की बेरोजगारी दर अब तक 6.7 परसेंट है.


ये भी पढ़ें- Bank Holidays: आज से अगले 5 दिन तक बैंक रहेंगे बंद, ब्रांच जाने से पहले चेक कर लें छुट्टियों की लिस्ट