First Woman Loco Pilot: मिलिए पहली महिला लोको पायलट देबोलीना रॉय से, धड़-धड़ाकर चलाती हैं ट्रेन; सेलेक्शन पर कही ये बात
Assistant Loco Pilot: त्रिपुरा की देबोलीना रॉय ने पहली महिला लोको पायलट बनकर यह गौरव हासिल किया है. देबोलीना को भारतीय रेलवे के खड़गपुर मंडल के तहत असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) नियुक्त किया गया है.
Woman Loco Pilot: आजकल दुनिया के हर काम में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. अगर आप भी अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं और इस बार आपकी ट्रेन कोई महिला लोकोपायलट चलाती नजर आए तो आपको किसी प्रकार का आश्चर्य नहीं होना चाहिए. जी हां, भारतीय रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) के पद पर पहली महिला का चयन हुआ है. त्रिपुरा की देबोलीना रॉय ने पहली महिला लोको पायलट बनकर यह गौरव हासिल किया है. देबोलीना को भारतीय रेलवे के खड़गपुर मंडल के तहत असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) नियुक्त किया गया है.
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा
देबोलीना की स्कूलिंग अगरतला से हुई है. अगरतला के डॉन बॉस्को स्कूल की पूर्व छात्रा देबोलीना ने टीआईटी (TIT), अगरतला से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है. देबोलीना ने 2017 में गार्गी मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (GMIT), कोलकाता से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है. मीडिया से बात करते हुए देबोलीना कहती हैं भारतीय रेलवे करियर के लिहाज से बहुत अच्छी जगह है.
सपनों को पूरा करने की बात कही
उन्होंने बताया इसी कारण है मैंने रेलवे को चुना और सफलता हासिल की. उन्होंने समाज की हर लड़की से अपने सपनों को पूरा करने की बात कही. बेटी की सफलता पर पिता रणबीर रॉय और मां चंद्रानी भट्टाचार्य ने बताया कि उनका बचपन से ही ख्वाब अपनी बेटी को शिक्षित करना था. असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) के पद पर चयनित होकर देबोलीना ने हमारी सपने को पूरा किया है.
देबोलीना का परिवार फिलहाल त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में रहता है. अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, देबोलीना भारतीय रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के तहत अपने कर्तव्यों में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.