Share Market: शेयर बाजार में कारोबार करने वाले लोग जो शेयर खरीद-बिक्री करते हैं वो उनके डीमैंट अकाउंट (Demat Account) में स्टोर होते हैं. वहीं डीमैट अकाउंट में शेयर को लंबे समय तक रख सकते हैं और डीमैट अकाउंट में फंड भी जोड़ा सकता है. ऐसे में डीमैट अकाउंट में शेयर और रुपये दोनों ही जोड़े जाते हैं. डीमैट अकाउंट की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रहती है, ऐसे में इस बात का खतरा भी रहता है कि कहीं डीमैट अकाउंट से फ्रॉड ना हो जाए. इसके लिए कुछ बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए.


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डीमैट अकाउंट के फायदे
डीमैट अकाउंट से कारोबार करते हुए उसके फायदों के बारे में भी जान लेना काफी जरूरी है. डीमैट अकाउंट के जरिए आसानी से और जल्दी से शेयरों का ट्रांसफर किया जा सकता है. वहीं ट्रेडिंग एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. इसके अलावा ऑल टाइम एक्सेस इसमें मौजूद रहता है. साथ ही इसमें ऑटोमेटिक तरीके से बोनस स्टॉक, राइट इश्यू और स्पलिट शेयर क्रेडिट हो जाते हैं.


डीमैट अकाउंट को फ्रॉड से बचाने के लिए करें ये काम...


अपने लॉगिन विवरण को सुरक्षित रखें
आपको मजबूत पासवर्ड रखना चाहिए और उन्हें सावधानी से स्टोर करना चाहिए. सबसे अच्छा यही है कि इन्हें कहीं भी न लिखें और याद रखें. इसके साथ ही उन्हें नियमित रूप से बदलना अच्छा है.


अपने अकाउंट स्टेटमेंट पर नजर रखें
अपना फोन नंबर और ई-मेल हर समय अपडेट रखें और डिपॉजिटरी के जरिए आपको भेजे गए सभी स्टेटमेंट और एसएमएस की सावधानीपूर्वक जांच करें. आपको अपने डीमैट खाते के सभी लेनदेनों का मिलान अपनी ट्रेडिंग गतिविधि से करना चाहिए और किसी भी विसंगति की सूचना तुरंत डिपॉजिटरी को देनी चाहिए.


पावर ऑफ अटॉर्नी
सुनिश्चित करें कि आपका डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (ब्रोकर) मालिकाना व्यापार में शामिल नहीं है और पावर ऑफ अटॉर्नी का दायरा सीमित हो. इससे आपके ब्रोकर के जरिए आपके साथ डीमैट अकाउंट धोखाधड़ी करने की संभावना कम हो जाएगी.


अकाउंट कर दें फ्रीज
अगर आप डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर रहे तो अपने डीमैट खाते को फ्रीज कर दें.


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