New rule to impact flight ticket prices: अगर आप भी फ्लाइट के भारी-भरकम किराए से परेशान हैं तो अब जल्द ही आपको महंगे फ्लाइट के टिकट से राहत मिल सकती है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की तरफ से एक निर्देश जारी किया गया है, जिसमें यात्रियों के लिए फ्लाइट के बेस फेयर को और भी ज्यादा किफायती बनाने की प्लानिंग चल रही है.


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DGCA का कहना है कि एयरलाइंस की तरफ से जारी किए गए निर्धारित किराए में उनके द्वारा दी जाने वाली कुछ सर्विसेज पर लगने वाली फीस भी शामिल है. अलग-अलग जगह से मिले फीडबैक के आधार पर यह देखा गया है कि कई बार यात्रियों को यात्रा के दौरान एयरलाइंस की तरफ से दिए जाने वाली इन सर्विसेज की जरूरत ही नहीं होती है. 


जारी किया गया है सर्कुलर


DGCA ने सर्कुलर में कहा है कि सर्विसेज और उनके चार्जेस को अलग करने से मूल किराया ज्यादा किफायती हो सकता है. इसके साथ ही उपभोक्ताओं को उन सेवाओं के लिए भुगतान करने का विकल्प मिलता है जिनका वह लाभ लेना चाहता है. अलग-अलग की गई सर्विसेज 'ऑप्ट-इन' आधार पर प्रदान की जानी चाहिए, न कि 'ऑप्ट-आउट' आधार पर.


DGCA ने 7 सर्विसेज की एक लिस्ट जारी की है, जिनको अगर टिकट की कॉस्ट से अलग कर दिया जाए तो बेस फेयर काफी ज्यादा किफायती हो सकता है. 


>> यात्री के लिए सीट चुनने का चार्ज
>> मील/ स्नैक्स/ ड्रिंक चार्जेस 
>> एयरलाइन लाउंज का इस्तेमाल करने के लिए शुल्क
>> चेक इन बैगेज चार्जेज
>> स्पोर्ट्स इक्विपमेंट चार्जेज
>> म्यूजिकल इक्विपमेंट चार्जेज
>> वैल्युएबल बैगेज के लिए स्पेशल डिक्लेरेशन फीस


एयरलाइन बैगेज पॉलिसी के रूप में अनुसूचित एयरलाइनों को फ्री बैगेज अलाउंस के साथ-साथ ‘शून्य बैगेज/नो-चेक-इन बैगेज किराए’ की पेशकश करने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही डीजीसीए ने कहा है कि एयरलाइन काउंटर पर चेक-इन के लिए सामान लेकर आता है तो लागू होने वाले शुल्कों के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही इसको टिकट पर प्रिंट करा के भी दिया जाएगा.