Gold Loan Debt: गोल्ड लोन में बढ़ते डिफॉल्ट का कारण लगातार बढ़ता कर्ज है. दरअसल इकोनॉमी की धीमी रफ्तार ने लोगों की आमदनी पर असर डाला है, जिससे लोन लेने वालों के लिए इसे चुकाना मुश्किल हो गया.
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Gold Loan NPA: सोना गिरवी रखकर लोन लेने वाले ग्राहकों में डिफॉल्ट (पैसा नहीं चुकाना) के मामले पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़े हैं. आरबीआई की तरफ से जारी किये आंकड़ों के अनुसार, बैंकों और एनबीएफसी का गोल्ड लोन एनपीए (NPA) जून 2024 तक 30 प्रतिशत बढ़कर 6,696 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह आंकड़ा तीन महीने पहले मार्च 2024 तक 5,149 करोड़ रुपये पर था. आरबीआई (RBI) के अनुसार पहले के वित्तीय वर्षों के मुकाबले फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में गोल्ड लोन लेने वालों के आंकड़े में 14.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
बैंकों के गोल्ड लोन में 62 प्रतिशत की ग्रोथ
'द इंडियन एक्सप्रेस' की तरफ से दायर आरटीआई (RTI) के जवाब में आरबीआई ने बताया कि कमर्शियल बैंकों के जून 2024 तक गोल्ड लोन एनपीए में 62 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई. यह मार्च 2024 के 1,513 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,445 करोड़ रुपये हो गया. एनबीएफसी के मामले में यह आंकड़ा जून 2024 में 3,636 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,251 करोड़ रुपये हो गया, जो कि करीब 24% का इजाफा है.
क्यों बढ़ रहा गोल्ड लोन डिफॉल्ट?
गोल्ड लोन में बढ़ते डिफॉल्ट का कारण लगातार बढ़ता कर्ज है. दरअसल इकोनॉमी की धीमी रफ्तार ने लोगों की आमदनी पर असर डाला है, जिससे लोन लेने वालों के लिए इसे चुकाना मुश्किल हो गया. मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों में (अप्रैल से अक्टूबर तक) बैंकों के गोल्ड लोन में 50.4 प्रतिशत का इजाफा देखा गया. सोने के दाम में तेजी आई तो लोगों ने घरेलू खर्चों, स्कूल के खर्च और अस्पताल का खर्च पूरा करने के लिए अपने सोने को गिरवी रख दिया. उन्होंने लोन चुकाने में चूक कर दी क्योंकि उन्हें लगा कि लोन की राशि खरीद मूल्य से ज्यादा है. हालांकि गोल्ड लोन डिफॉल्ट से उनके क्रेडिट स्कोर में गिरावट आएगी.
रिकॉर्ड लेवल पर गोल्ड बकाया
ग्राहकों ने सोने की ऊंची कीमत का फायदा उठाने के लिए बैंकों व एनबीएफसी में गोल्ड गिरवी रखने की जल्दी की. इससे अक्टूबर 2024 तक बैंकों का गोल्ड लोन का बकाया 1,54,282 करोड़ रुपये हो गया है. यह मार्च 2024 में 1,02,562 करोड़ रुपये के आंकड़े पर था. यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि बैंकों और एनबीएफसी का कुल गोल्ड लोन बकाया 3 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया.
लगातार कोशिश के बाद भी बढ़ रहा एनपीए
बैंकों के गोल्ड लोन के एनपीए में इजाफा ऐसे समय में हुआ है जब बैंकों की तरफ से एनपीए को कम करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं. मार्च 2022 में कुल एनपीए 6.97 लाख करोड़ रुपये (एडवांस 5.89 प्रतिशत) से मार्च 2024 तक घटकर 4.56 लाख करोड़ रुपये (2.79 प्रतिशत) पर आ गया. आरबीआई ने गोल्ड लोन सेक्टर में अनियमितता पर फोकस किया है. बैंक व एनबीएफसी को अपनी पॉलिसी की समीक्षा करने का निर्देश दिया है. केंद्रीय बैंक की जानकारी में लोन टू वैल्यू रेश्यो पर निगरानी में कमजोरी, रिस्क वेट और सोने के ज्वैलरी की नीलामी के दौरान ट्रांसपेरेंसी की कमी पहचानी है.
बैंक कर रहे ये गलतियां
आरबीआई ने गोल्ड लोन सेक्टर में गलत तरीके से काम करने और लोन दिये जाने पर फोकस किया है. केंद्रीय बैंक ने बैंकों से अपने नियमों और काम करने के तरीकों को सुधारने के लिए कहा है. केंद्रीय बैंक ने यह भी नोटिस किया कि बैंक गोल्ड लोन देते समय कई बैंकों की तरफ से गलतियां की जा रही हैं. इन गलतियों में लोन की राशि सोने की कीमत के मुकाबले ज्यादा दे देना, रिस्क का सही आकलन नहीं करना और सोना बेचते समय पारदर्शिता का अभाव रहना आदि.
मुथूट फाइनकॉर्प के सीईओ शाजी वर्गीस के अनुसार, पिछली कुछ तिमाहियों से गोल्ड लोन में लगातार इजाफा हो रहा है. इसके बढ़ने के कई कारण होते हैं जैसे कि पर्सनल लोन की तरह इसमें किसी प्रकार का प्री-पेमेंट चार्ज नहीं होता. इसके अलावा इसमें डेली पेमेंट और बकाया राशि पर ब्याज का विकल्प होता है. इसमें री-पेमेंट को लेकर भी काफी फ्लैक्सीबिलिटी होती है. उन्होंने बताया, गोल्ड लोन ग्राहकों के बीच तेजी से पैसे का इंतजाम करने का अच्छा ऑप्शन बन गया है. लोग खासकर शॉर्ट टर्म की जरूरत को ध्यान में रखकर इसके जरिये काफी पैसा ले रहे हैं.