नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कारोबार सुगमता के संदर्भ में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग का काम शुरू कर दिया है. मंत्रालय ने उनके लिए दिशानिर्देश और सुधार उपायों को जारी किया जिसे उन्हें 31 मार्च से पहले क्रियान्वित करना है. मंत्रालय के अधीन आने वाला औद्योगिक संवर्द्धन और आतंरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने कहा है कि इस साल उसने व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी), 2019 के तहत 76 सुधार उपायों पर शत प्रतिशत प्रतिक्रिया आधारित आकलन का प्रस्ताव किया है.


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12 क्षेत्रों में सुधारों का सुझाव दिया गया
राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिये 12 क्षेत्रों में सुधारों का सुझाव दिया गया है. इसमें मंजूरी के लिये ऑनलाइन एकल खिड़की प्रणाली, भूमि रिकार्ड का रखरखाव, करदाताओं के लिये अनुकूल उपाय, श्रम नियमन और बिजली कनेक्शन प्राप्त करना शामिल हैं. विभाग ने कहा कि दिशानिर्देश राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सुधारों को क्रियान्वित करने के लिये जरूरतों को समझने में सहायता करेगा और कार्ययोजना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये उठाये जाने वाले कदमों को चिन्हित करने में मदद करेगा.



उसने कहा, 'यह उन साक्ष्यों को समझने में भी मदद करेगा जिसे हर सुधार के बाद जमा करने की जरूरत है. सुधारों को क्रियान्वित करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2019 है.' विभाग ने निर्धारित मानदंडों के आधार पर किये गये सुधारों के तहत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की रैकिंग का काम 2014 में शुरू किया था. उसने कहा कि इसका मकसद नियामकीय ढांचे को दुरूस्त और दफ्तरशाही समाप्त कर निवेश अनुकूल व्यापार माहौल सृजित कर कारोबार माहौल को बेहतर बनाना है. पिछले साल जुलाई में रैंकिंग जारी की गयी थी. इसमें आंध्र प्रदेश शीर्ष पर था. उसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान था.