नई दिल्‍ली: अब ड्राइविंग लाइसेंस (DL), रजिस्‍ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) जैसे मोटर व्हीकल डॉक्‍युमेंट्स के लिए अब RTO के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही लंबी लाइनों खड़े होकर वक्त बर्बाद करना पड़ेगा. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मोटरी व्हीकल से जुड़ी तमाम सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया है. 


ऑनलाइन हुई DL, RC की सेवाएं


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दिल्ली वालों को ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जुड़े दस्तावेज RTO की वेबसाइट से लोग ऑनलाइन ही मिल जाएंगे. इसके लिए RTO की वेबसाइट www.transport.delhi.gov.in पर जाकर जो भी डॉक्यूमेंट चाहिए उसे डाउनलोड किया जा सकता है. इसके अलावा दिल्‍ली सरकार ने एक हेल्‍पलाइन नंबर 1076 भी जारी किया है, जिस पर ऑनलाइन सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारियां ली जा सकती हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ का तोहफा करार देते हुए आज इस फेसलेस परिवहन सेवाओं के सिस्टम को लॉन्च किया है. परिवहन विभाग ने इसके लिए एक SOP भी जारी कर दिया है.



घर बैठे 'फेसलेस' बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस!  


अब घर बैठे ही फेसलेस ट्रांसपोर्ट सर्विसिज के तहत लाइसेंस का रिन्युअल हो जाएगा. घर पर ही टेस्ट देकर लर्निंग लाइसेंस जेनरेट हो जाएगा, डुप्लीकेट DL बन जाएगा. परमानेंट ड्राइविंग टेस्ट और गाड़ी के फिटनेस टेस्ट को छोड़कर ज्यादातर सर्विसेज इस सिस्टम के दायरे में होंगी. दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि अब लोगों को जोनल ऑफिसों में लाइनों में लगने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार काफी समय से नए सिस्टम को लेकर तैयारी कर रही थी और ट्रायल भी किया जा रहा था.


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फेसलेस सिस्टम से कौन-कौन सी सेवाएं मिलेंगी?


फेसलेस सिस्टम जो परिवहन सेवाओं के दायरे में आ रही हैं, उनमें प्रमुख रूप से ड्राइविंग लाइसेंस रिन्युअल, डुप्लीकेट लाइसेंस, चेंज ऑफ एड्रेस, डीएल रिप्लेसमेंट, ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप, डुप्लीकेट आरसी, चेंज ऑफ एड्रेस, एनओसी, रोड टैक्स कलेक्शन, रीटेंशन, गुड्स वीकल के लिए फ्रेश परमिट, डुप्लीकेट परमिट, ट्रांसफर ऑफ परमिट, परमिट सरेंडर, ट्रेड सर्टिफिकेट, रिन्युअल ऑफ टीसी को शामिल किए जाएंगे.


अब घर, ऑफिस से भी दे सकेंगे ऑनलाइन टेस्ट


ई-लर्निंग लाइसेंस अब घर पर ही मिल जाएगा. घर, ऑफिस या एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन में ऑनलाइन टेस्ट दे सकेंगे. अगर कोई टेस्ट पास कर जाता है तो उसके लर्निंग लाइसेंस तुरंत जेनरेट हो जायेंगे. एनआईसी ने इसके लिए सिस्टम तैयार कर लिया है. फेस रेकिग्निशन सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. एनआईसी के सॉफ्टवेयर के जरिए टेस्ट देने वाले की फोटो कैप्चर होगी. अब आधार कार्ड पर जो फोटो होगी, एनआईसी का सॉफ्टवेयर उस फोटो को मेल करेगा. अगर फोटो मैच नहीं होगी या फिर कोई आधार नंबर नहीं देना चाहेगा तो फिर घर बैठे टेस्ट नहीं दे सकेंगे. ऐसी स्थिति में माल रोड जोनल ऑफिस जाकर टेस्ट देने का विकल्प बना रहेगा.


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