Repo Rates: क्या आरबीआई इस बार रेपो रेट्स में करेगा इजाफा? आ गया ये बड़ा अपडेट...
RBI Repo Rates: आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक इस बार 4 से 6 अक्टूबर को होगी. एमपीसी की पिछली बैठक अगस्त में हुई थी. क्या इस बार आरबीआई रेपो रेट्स में इजाफा करेगा?
Inflation Rates in India: देशभर में महंगाई की दर बढ़ती ही जा रही है. रिटेल इंफ्लेशन (Retail Inflation) अब भी काफी उच्चस्तर पर है और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Fed Reserve) ने कुछ और समय के लिए सख्त रुख बरकरार रखने का फैसला किया है. ऐसे में एक्सपर्ट का मानना है कि अगले महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की मॉनेटरी रिव्यू मीटिंग में नीतिगत दर को एक बार फिर यथावत रखने का फैसला लिया जा सकता है.
8 फरवरी को बढ़ाई थी रेपो रेट्स की दरें
रिजर्व बैंक ने आठ फरवरी, 2023 को रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था और तब से इसने अत्यधिक उच्च खुदरा मुद्रास्फीति और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों सहित कुछ वैश्विक कारकों को देखते हुए दरों को उसी स्तर पर बरकरार रखा है.
4 से 6 अक्टूबर को होगी मीटिंग
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक चार-छह अक्टूबर को प्रस्तावित है. एमपीसी की पिछली बैठक अगस्त में हुई थी.
इस बार नहीं होगा रेपो रेट्स में बदलाव
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि आरबीआई इस बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगा क्योंकि मुद्रास्फीति अब भी ऊंची बनी हुई है और नकदी की स्थिति सख्त है. मुद्रास्फीति पर आरबीआई के अनुमान को सही माना जाए, तो तीसरी तिमाही में भी यह पांच फीसदी से ज्यादा रहेगी. ऐसे में चालू कैलेंडर साल 2023 में और संभवत चौथी तिमाही में भी रेपो दर में बदलाव नहीं होगा.
अगस्त में CPI में आई गिरावट
सबनवीस ने कहा कि खरीफ फसलों, खासकर दालों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में थोड़ा घटकर 6.83 फीसदी रह गई है. जुलाई में यह 7.44 फीसदी थी. हालांकि, यह रिजर्व बैंक के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से अब भी ऊपर है.
सरकार ने दिए ये निर्देश
सरकार ने आरबीआई को मुद्रास्फीति को दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी दी है.
टमाटर सस्ते होने का मिला फायदा
इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर, 2023 में घटकर 5.3-5.5 फीसदी पर आने की उम्मीद है. इसमें टमाटर की औसत कीमत आधी होने से फायदा मिला. नायर ने कहा कि इक्रा को लगता है कि एमपीसी अक्टूबर, 2023 नीति में भी कोई बदलाव नहीं करेगी.
क्या है रिजर्व बैंक का अनुमान?
रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इसके 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.7 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति के 5.2 फीसदी पर रहने का अनुमान है.
इनपुट - भाषा एजेंसी