Edible Oil Price: खाने के तेल और आटे के रेट पर सरकार ने किया ऐसा ऐलान, सुनकर खुशी से उछल पड़ेंगे आप
Edible Oil Price: सरकार के प्रयासों से आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलती नजर आ रही है. रिकॉर्ड महंगाई पर पहुंचे खाने के तेल के भाव अब कम हो गए हैं. इसके अलावा आटे की कीमत में भी कमी आई है.
Edible Oil Price: लगातार बढ़ती महंगाई से आम आदमी को धीरे-धीरे राहत मिल रही है. एक बार फिर खाने के तेल के दामों में कमी से आम आदमी ने राहत की सांस ली है. अंतरराष्ट्रीय दरों में कमी और सरकार के इंटरफेयर से रिटेल मार्केट में खाने के तेल की कीमतें कम होने लगी हैं. फूड सेक्रेटरी सुधांशु पांडे ने बताया कि जून की शुरुआत से देशभर में मूंगफली के तेल को छोड़कर पैकड खाने के तेल के रिटेल प्राइज में 15-20 रुपये तक की कमी आई है. अब यह घटकर 150 से 190 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच चल रहा है. पहले कीमत 200 रुपये के पार चली गई थीं.
जल्द आएगा नई एमआरपी का स्टॉक
अदानी विल्मर (Adani Wilmar) और मदर डेयरी (Mother Dairy) ने विभिन्न प्रकार के खाने के तेल पर पिछले हफ्ते कीमत में कमी की थी. कंपनियों की तरफ से पिछले दिनों कीमत में कटौती की गई थी. इस दौरान दोनों कंपनियों ने कहा था कि नई एमआरपी वाला स्टॉक बाजार में जल्द आना शुरू हो जाएगा.
महाराष्ट्र में कुल 16 डिफॉल्टर
पांडे ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सरकार के हस्तक्षेप और वैश्विक विकास के कारण खाने के तेल की कीमत में रुझान बहुत सकारात्मक हैं. आपको बता दें महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में दो फेज में छापेमारी अभियान चलाया गया. महाराष्ट्र में पहले और दूसरे चरण में 43 छापेमारी की गई, जिसमें पहले चरण में 14 डिफॉल्टर जबकि दूसरे में 2 डिफॉल्टर हुए.
एमपी में दोनों चरण में 35 छापेमारी
राजस्थान में दोनों फेज में 60 छापेमारी हुई और पहले में 7 और दूसरे में 6 डिफॉल्टर हुए. गुजरात में दोनों फेज मिलाकर 48 छापेमारी की गई, जिसमें पहले फेज में 7 मामले डिफॉल्ट के मिले, वहीं दूसरे फेज में चोर बाजारी, कालाबाजारी के मामले नहीं मिले. वहीं एमपी में भी दोनों चरण में 35 छापेमारी की गई.
आटे के दाम भी नीचे आए
सुधांशु पांडे ने बताया कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत में आटे की कीमत में भी गिरावट आई है. पिछले कुछ दिनों में इसमें भी राहत मिली है. सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों से आम आदमी को राहत मिली है. गेहूं पर रेग्युलेशन के बाद आटा कीमतों पर सरकार लगातार मॉनीटरिंग कर रही है.