emps Scheme: अगर आप भी इलेक्ट्रिक व्‍हीकल खरीदने की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो यह खबर आपके ल‍िए है. जी हां, सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक परिवहन प्रोत्साहन योजना (EMPS) को दो महीने के लिए बढ़ाने की घोषणा की है. इसके साथ्‍ज्ञ ही कुल परिव्यय को भी बढ़ाकर 778 करोड़ रुपये कर दिया. इस योजना को इस साल मार्च में भारी उद्योग मंत्रालय ने शुरू किया था. इसका मकसद पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है. ईएमपीएस योजना मूल रूप से एक अप्रैल, 2024 से 31 जुलाई, 2024 तक चलने वाली थी, जिसका कुल परिव्यय 500 करोड़ रुपये था.


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परिव्यय बढ़ाकर 778 करोड़ रुपये कर दिया गया
एक आधिकारिक बयान के अनुसार "इस योजना को दो महीने यानी 30 सितंबर, 2024 तक बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा योजना का परिव्यय भी बढ़ाकर 778 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इस योजना का उद्देश्य सरकार की हरित पहलों को आगे बढ़ाना और देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण परिवेश के विकास को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत पात्र ईवी श्रेणियों में पंजीकृत ई-रिक्शा एवं ई-कार्ट सहित इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन शामिल हैं.


आम लोगों के लिए किफायती और पर्यावरण-अनुकूल सार्वजनिक परिवहन विकल्प मुहैया कराने पर जोर देने के साथ यह योजना मुख्य रूप से उन ई-दोपहिया और ई-तिपहिया पर लागू होगी जो वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए पंजीकृत हैं. इसके अलावा निजी या कॉरपोरेट स्वामित्व वाले पंजीकृत ई-दोपहिया भी योजना के तहत पात्र होंगे.


इलेक्‍ट्र‍िक व्‍हीकल को क्‍यों बढ़ावा दे रही सरकार
प्रदूषण कम करना:
इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में बहुत कम प्रदूषण करते हैं. वे हानिकारक गैसों का उत्सर्जन नहीं करते, जिससे वायु प्रदूषण कम होता है और लोगों की सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव कम होते हैं.


स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग: इलेक्ट्रिक वाहन बिजली से चलते हैं, जो कि एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है. अगर बिजली का उत्पादन सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से किया जाता है तो यह और भी अधिक पर्यावरण के अनुकूल होता है.


ऊर्जा सुरक्षा: इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से देश की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ती है. हमें पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भर कम रहना पड़ेगा, जिससे विदेशी तेल के आयात पर होने वाले खर्च में कमी आएगी.


आर्थिक विकास: इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में निवेश से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.


तकनीकी विकास: इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में होने वाले अनुसंधान और विकास से देश की तकनीकी क्षमता में सुधार होगा.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता: कई देश जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्य रखते हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर भारत भी इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है.