6 करोड़ पीएफ होल्डर्स की बल्ले-बल्ले, इस सुविधा के तहत 50000 नहीं 1 लाख मिलेंगे
PF Interest Rate: फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के दौरान ईपीएफओ ने 4.45 करोड़ क्लेम का निपटारा किया है. नई सुविधा के तहत आप एजुकेशन, मैरिज या घर की जरूरत के लिए एक लाख रुपये तक निकाल सकते हैं.
Auto Claim Settlement Facility: अगर आप भी सैलरीड क्लॉस हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, अब ईपीएफओ की तरफ से नौकरीपेशा के लिए नई सुविधा शुरू की गई है. इस सुविधा के तहत यदि आपको एजुकेशन, मैरिज और घर के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है तो आप फास्ट अप्रूवल वाली सुविधा का फायदा उठा सकते हैं. इस सुविधा में कंप्यूटर के जरिये आपके क्लेम को चेक किया जाता है और इसे जल्दी मंजूरी दी जाती है. अभी तक यह सुविधा खाताधारकों को बीमारी से जुड़े मामलों में दी जाती थी. लेकिन अब इसका फायदा 6 करोड़ से ज्यादा ईपीएफओ मेंबर्स एजुकेशन, मैरिज और घर के लिए पैसों की जरूरत में उठा सकते हैं.
4.45 करोड़ क्लेम का निपटारा किया गया
ईपीएफओ की तरफ से दी गई जानकारी में यह भी बताया गया कि इस सुविधा की लिमिट पहले के 50,000 रुपये से दोगुनी करके एक लाख रुपये कर दी गई है. एक बयान के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के दौरान ईपीएफओ ने करीब 4.45 करोड़ क्लेम का निपटारा किया है. इनमें से 60 परसेंट से ज्यादा (2.84 करोड़) क्लेम एडवांस (बीमारी, शादी, शिक्षा के आधार पर पैसे निकालने वाले) थे. आसान भाषा में समझे तो इसका मतलब यह हुआ कि आप एजुकेशन, मैरिज या घर की जरूरत के लिए एक लाख रुपये तक निकाल सकते हैं.
3-4 दिन में मिल जाती है मंजूरी
पिछले साल जितने एडवांस क्लेम को मंजूरी दी गई, उनमें से करीब 90 लाख क्लेम ऑटो सेटल किये गए. नए सिस्टम में कंप्यूटर के जरिये सभी काम होते हैं, जिससे किसी भी काम के लिए मैन पावर की जरूरत नहीं पड़ती. यही कारण है कि एडवांस क्लेम की मंजूरी के लिए लगने वाला समय भी कम हो गया है. पहले इसमें 10 दिन का समय लगता था. लेकिन अब यही काम महज 3-4 दिन में हो जाता है.
6 मई से शुरू की गई सुविधा
अगर कंप्यूटर सिस्टम किसी दावे को मंजूरी नहीं देता तो उसे वापसी या रद्द नहीं किया जाता बल्कि, ऐसे मामलों में दोबारा जांच की जाती है और उसे उसके बाद मंजूरी दी जाती है. ईपीएफओ की तरफ से ऑटोमेटिक मोड में क्लेम पास करने की सुविधा को 6 मई, 2024 से लागू किया गया है. अब तक इसके जरिये 13,011 लोगों को फायदा मिल चुका है. इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार अब तक 45.95 करोड़ रुपये मंजूर किये जा चुके हैं.