नई दिल्ली: Employees' State Insurance Corporation (ESIC) ने अपने लाभार्थियों को इमरजेंसी (Emergency) की हालत में इलाज के लिए अपने नजदीकी निजी अस्पताल (Private Hospitals) में भर्ती कराने की छूट दे दी है. 


अभी क्या है व्यवस्था


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फिलहाल जो व्यवस्था है उसके मुताबिक ESIC की योजना के तहत बीमित व्यक्ति या लाभार्थी (परिवार के सदस्यों) को एक ESIC डिस्पेंसरी या अस्पताल जाना होता है. यहां से उन्हें किसी पैनल में शामिल किसी दूसरे अस्पताल या पैनल से बाहर के निजी अस्पताल में रेफर किया जाता है. 


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खत्म हुई पुरानी शर्त 


ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन कमेटी (TUCC) के जनरल सेक्रेटरी एस पी तिवारी ने बताया कि 'ESIC के अस्पताल या डिस्पेंसरी से रेफर होने की शर्त इमरजेंसी के मामलों में खत्म कर दी गई है. ये फैसला सोमवार को हुई बोर्ड बैठक में लिया गया. ये फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि हार्ट अटैक जैसे मामलों में तुरंत इलाज की जरूरत होती है.' 


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निजी अस्पताल में इलाज की आजादी


यानि ESIC के लाभार्थी अब पैनल में शामिल और पैनल के बाहर निजी अस्पतालों में इमरजेंसी इलाज के लिए भर्ती हो सकते हैं. फर्क सिर्फ इतना होगा कि पैनल वाले अस्पतालों में इलाज कैशलेस होगा, लेकिन बिना पैनल वाले निजी अस्पताल में इलाज का बाद में रिम्बर्समेंट किया जाएगा जो कि सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ सर्विसेज के हिसाब से होगा. 


लेकिन ये होगी शर्त 


दूसरी जरूरी बात ये कि ESIC के लाभार्थी पैनल के बाहर निजी अस्पताल में इलाज तभी करवा सकेंगे अगर उनके 10 किलोमीटर के दायरे में कोई ESIC या पैनल वाला निजी अस्पताल नहीं है. 


ESIC खुद चलाएगा अपने अस्पताल


जनरल सेक्रेटरी तिवारी ने बताया कि ESIC आने वाले अपने सभी अस्पताल खुद ही चलाएगा ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके, इसे राज्यों को चलाने के लिए नहीं दिया जाएगा. ESIC 26 अस्पतालों का निर्माण करवा रहा है, 16 पर अभी विचार चल रहा है. राज्य की ओर से चलाए जा रहे 110 अस्पतालों के लिए ESIC सर्विस चार्ज चुकाता है, ये सेवाएं ऐसे ही चलती रहेंगी.


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