आपत्तिजनक कंटेंट पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए AI की मदद ले रही फेसबुक
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक नुकसानदायक और आपत्तिजनक कंटेंट पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई) का सहारा ले रही है. कंपनी ‘शिकायत वाले कंटेंट की प्राथमिकता’ तय करने के लिए इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करती है.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक (Facebook) नुकसानदायक और आपत्तिजनक कंटेंट पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई) का सहारा ले रही है. कंपनी ‘शिकायत वाले कंटेंट की प्राथमिकता’ तय करने के लिए इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करती है.
दुनियाभर में फेसबुक के 1.82 अरब से अधिक दैनिक सक्रिय उपयोक्ता हैं. पूर्व में कंपनी को भारत में घृणा फैलाने वाले कंटेंट से निपटने के मामले में काफी खरी-खोटी सुननी पड़ी है. जबकि भारत उसके सबसे बड़े बाजारों में से एक है. फेसबुक की उत्पाद प्रबंधक (सामुदायिक अखंडता) रेयान बार्नेस ने कहा कि कंपनी शिकायत वाले कंटेंट की प्राथमिकता के लिए एआई का उपयोग कर रही है. इस तरह से प्राथमिकता तय करना उसके 15,000 से अधिक समीक्षकों की मदद के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की प्राथमिकता चार कारणों से अहम है जैसे नुकसान पहुंचाने वाले सभी कंटेंट एक बराबर नहीं होते, कुछ प्रत्यावर्तन नियम जटिल होते हैं, लोग हमेशा नुकसानदायक कंटेंट के बारे में शिकायत नहीं करते और शिकायतें हमेशा सही नहीं होती. वर्चुअल कार्यक्रम में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कंपनी ने अब सिर्फ उपयोक्ता की शिकायत पर निर्भर रहने से आगे देखना शुरू कर दिया है. अब उसने इस प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी मदद लेना शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा कि अब इस प्रौद्योगिकी मदद से किसी के शिकायत करने से पहले ही 95 प्रतिशत इस तरह का कंटेंट कंपनी की पकड़ में आ जाता है.
(इनपुट- एजेंसी भाषा)