नई दिल्ली: सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये के FAME-2 कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं की निगरानी, आवंटन तथा क्रियान्वयन के लिए एक अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया है. इस योजना का मकसद स्वच्छ परिवहन व्यवस्था को प्रोत्साहन देना है. भारी उद्योग मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि परियोजना क्रियान्वयन और आवंटन समिति के प्रमुख मंत्रालय के सचिव होंगे. इसके अन्य सदस्यों में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग के सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव तथा बिजली और नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालयों के सचिव होंगे. भारी उद्योग मंत्रालय ने कहा कि समिति का गठन योजना के तहत आवंटन, निगरानी और क्रियान्वयन करना है. 


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समिति के लिए नियम और शर्तों में योजना के विभिन्न घटकों तथा उप-घटकों के कवरेज मानकों में संशोधन, मूल्य और प्रौद्योगिकी के रुख के हिसाब से सालाना आधार पर या उससे पहले मांग प्रोत्साहनों की समीक्षा, कोष आवंटन सीमा में संशोधन, प्रति वाहन अधिकतम प्रोत्साहन की सीमा की समीक्षा शामिल है. फेम इंडिया योजना दूसरे चरण के तहत 10,000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम का क्रियान्वयन एक अप्रैल, 2019 से तीन साल के लिए किया जाना है. 


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देश में बिजली चालित वाहनों की तेजी से स्वीकार्यता और विनिर्माण (फेम-द्वितीय) के तहत कारखाने के गेट पर अधिकतम मूल्य वाले 10 लाख पंजीकृत दोपहिया वाहन 20,000-20,000 रुपये का प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र होंगे. योजना के तहत कारखाने के गेट पर पांच लाख रुपये तक के पांच लाख ई-रिक्शा को 50,000 रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा. 


फेम-द्वितीय के हत 15 लाख रुपये तक के 35,000 बिजली चालित चार पहिया वाहनों को 1.5-1.5 लाख रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा. इसी तरह कारखाने गेट पर 15 लाख रुपये तक दाम वाले 20,000 हाइब्रिड चार पहिया वाहनों को 13,000-13,000 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसी तरह दो करोड़ रुपये तक के मूल्य की 7,090 ई-बसों में प्रत्येक को 50-50 लाख रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा. इस योजना के तहत 2019-20 में 1,500 करोड़ रुपये, 2020-21 में 5,000 करोड़ रुपये और 2021-22 में 3,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.