स्टॉक-लिमिट के बीच FCI का गेहूं खरीद 2.66 करोड़ टन पार, पिछले साल से निकला आगे
Wheat Procurement: सरकार की ओर से गेहूं की स्टॉक पर लगाई लिमिट के बीच FCI ने चालू रबी सीजन 2024-25 के दौरान 2.66 करोड़ टन गेहूं की खरीद की है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भुगतान के रूप में लगभग 61 लाख करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त हुए हैं.
FCI Wheat Procurement: कीमत काबू में रखने के लिए लगी स्टॉक-लिमिट के बीच सरकार ने बुधवार को बताया है कि भारतीय खाद्य निगम ने चालू रबी सीजन 2024-25 के दौरान 2.66 करोड़ टन गेहूं की खरीद की है. यह पिछले साल के 2.62 करोड़ टन के आंकड़े से ज्यादा है.
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस साल पहले शुरू हुई खरीद से 22 लाख से अधिक किसानों को लाभ हुआ है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भुगतान के रूप में लगभग 61 लाख करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त हुए हैं. सरकार ने चालू सत्र (अप्रैल-मार्च) के लिए गेहूं के लिए 2,275 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी निर्धारित किया था.
बयान में आगे कहा गया है कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों ने अपनी गेहूं खरीद में उल्लेखनीय सुधार दिखाया है. उत्तर प्रदेश ने पिछले साल के 2,20,000 टन की तुलना में 9,31,000 टन की खरीद की. जबकि राजस्थान में यह खरीद पिछले सत्र के 4.38 लाख टन से बढ़कर 12 लाख टन हो गई.
धान भी बफर स्टॉक के पार
सरकार ने बताया है कि गेहूं के अलावा खरीफ विपणन सत्र 2023-24 के दौरान धान की खरीद भी 7.75 करोड़ टन से अधिक रही. इससे एक करोड़ से अधिक किसानों को 1.74 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान हुआ. पर्याप्त खरीद ने भारत के चावल के स्टॉक को 4.9 करोड़ टन तक बढ़ा दिया है. यह बफर स्टॉक मानदंडों और देश की लगभग चार करोड़ टन की वार्षिक आवश्यकता दोनों को पार कर गया है. सरकार ने कहा कि यह उपलब्धि एफसीआई की खरीद और भंडारण बुनियादी ढांचे की मजबूती को बताती है, जो देश में खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है.
गेहूं पर लगी है स्टॉक लिमिट
एक सप्ताह पहले ही केंद्र सरकार ने जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने और खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए गेहूं पर लिमिट स्टॉक लगाने की घोषणा की थी. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के व्यापारियों/थोक व्यापारी, खुदरा विक्रेताओं, बड़े चेन खुदरा विक्रेताओं और फूड प्रोसेसिंग करने वालों पर लागू गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया है. यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 मार्च, 2025 तक लागू रहेगा.