Pension Scheme in India: सरकारी कर्मचारियों के लिए मौजूदा पेंशन प्रणाली ‘एनपीएस’ की समीक्षा को गठित समिति फिलहाल हितधारकों से परामर्श की प्रक्रिया में है और अभी तक इसकी रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. वित्त मंत्रालय ने अप्रैल में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की मौजूदा रूपरेखा और संरचना में जरूरी बदलाव के बारे में सुझाव देने के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में यह समिति गठित की थी.


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वित्त मंत्रालय
अब मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, ‘‘सोमनाथन समिति संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया में है और अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है.’’ गठन की शर्तों के अनुरूप यह समिति एनपीएस के दायरे में आने वाले सरकारी कर्मचारियों के पेंशन लाभों को बेहतर करने के लिए जरूरी उपायों के बारे में सुझाव देगी. ये सुझाव राजकोषीय प्रभाव और समग्र बजटीय प्रावधानों पर असर को ध्यान में रखते हुए दिए जाएंगे ताकि राजकोषीय मजबूती कायम रहे.


पुरानी पेंशन योजना
वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली इस समिति में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सदस्य के रूप में शामिल हैं. पिछले कुछ महीनों में विपक्ष शासित कई राज्य सरकारों ने ‘पुरानी पेंशन योजना’ (ओपीएस) लागू करने का फैसला किया है. इससे उत्साहित होकर कुछ अन्य राज्यों में भी कर्मचारी संगठनों ने इसकी मांग उठाई है.


ओपीएस
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने ओपीएस लागू करने के अपने फैसले की जानकारी केंद्र सरकार को देने के साथ ही उससे एनपीएस के तहत जमा धनराशि लौटाने का अनुरोध किया है. जहां तक केंद्र सरकार के स्तर पर ओपीएस लागू करने की मांग का सवाल है तो इस संभावना से वित्त मंत्रालय पूरी तरह इनकार कर चुका है. मंत्रालय की तरफ से संसद में जानकारी दी गई थी कि एक जनवरी, 2004 के बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में ओपीएस लागू करने का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.


पेंशन
ओपीएस के तहत सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित वेतन का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में मिलता था. महंगाई भत्ते की दरों में बढ़ोतरी के साथ यह राशि बढ़ती रहती है. एनपीएस को जनवरी, 2004 के बाद केंद्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है. अधिकांश राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों ने भी अपने नए कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली के तौर पर एनपीएस को अपनाया है. (इनपुट: भाषा)


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