Indian Real Estate: किसी भी देश की तरक्की में, उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में रियल एस्टेट सेक्टर बड़ा हाथ होता है. चीन का रियल एस्टेट सेक्टर क्या हिला, उसकी पूरी इकोनॉमी हिल गई. भारत के रियल एस्टेट के लिए अच्छी खबर आ रही है. बीते सालों में भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में निवेशी निवेशकों का रुझान बढ़ा है. साल 2024 की तीसरी तिमाही में रियल एस्टेट सेक्टर में विदेशी निवेश 41 फीसदी बढ़ा है. 


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रियल एस्टेट में बढ़ा विदेशी निवेश  


 रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश में 2024 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 41 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. ये ग्रोथ  0.96 अरब डॉलर तक पहुंच गया.  पिछली तिमाही में रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश 3.1 अरब डॉलर था, जो कि 2024 की सितंबर तिमाही में घटा है. वेस्टियन रिसर्च ने एक रिपोर्ट के मुताबिक तिमाही आधार पर 69 प्रतिशत की इस गिरावट के बावजूद इसका दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है, क्योंकि निवेश लगभग एक अरब डॉलर के आंकड़े को छू रहा है. 


भारत की मजबूती का प्रमाण  


रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में निवेश में वृद्धि मौजूदा भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि का प्रमाण है. भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती देखते हुए विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2023 की तीसरी तिमाही में 27 प्रतिशत से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 46 प्रतिशत हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके विपरीत, घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी एक साल पहले इसी तिमाही के 71 प्रतिशत से घटकर 2024 की तीसरी तिमाही में 43 प्रतिशत रह गई. हालांकि, मूल्य के लिहाज से यह कमी केवल 15 प्रतिशत थी.  


वेस्टियन के सीईओ श्रीनिवास राव ने कहाकि मजबूत जीडीपी वृद्धि के दम पर निवेशकों ने भारत के विकास पर भरोसा दिखाया है. नतीजतन, रियल एस्टेट सेक्टर में विदेशी निवेशकों की भागीदारी बढ़ी, जिसके कारण संस्थागत निवेश 2024 की तीसरी तिमाही में एक अरब डॉलर के आंकड़े को छू गया. उन्होंने कहा, कि इसके अतिरिक्त, घरेलू निवेशक भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, जिन्हें देश भर में तेजी से हो रहे बुनियादी ढांचे के विकास से समर्थन मिल रहा है. 


हाउसिंग या कॉर्मिशियल सेक्टर में निवेश 


2024 की तीसरी तिमाही में घरेलू निवेशकों के लिए आवासीय संपत्तियां पहली पसंद रहीं, जबकि वाणिज्यिक सौदों में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 64 प्रतिशत रही. ऑफिस से काम करने की अनिवार्यता और जीसीसी (वैश्विक क्षमता केंद्र) की बढ़ती प्रमुखता ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया, जिससे वाणिज्यिक निवेश की हिस्सेदारी 2023 की तीसरी तिमाही के 24 प्रतिशत से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 71 प्रतिशत हो गई.  दूसरी ओर, आवासीय क्षेत्र की हिस्सेदारी 2024 की तीसरी तिमाही में घटकर 19 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 44 प्रतिशत थी.  हालांकि, आने वाली तिमाहियों में आवासीय परिसंपत्तियों में निवेश बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि को-लिविंग, सीनियर हाउसिंग और सर्विस अपार्टमेंट जैसे विशिष्ट परिसंपत्ति वर्ग में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है.  इनपुट- आईएएनएस हिंदी