FPI News: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) की बिकवाली की सिलसिला लगातार जारी है. शेयर मार्केट में इस बिकवाली से गिरावट भी आ रही है. पश्चिम-एशिया में तनाव तथा बढ़ती ब्याज दरों के बीच एफपीआई ने नवंबर के पहले तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है.


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इससे पहले एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों से 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे.


एफपीआई मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान लगातार शुद्ध लिवाल रहे थे. इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे. हालांकि, आगे चलकर एफपीआई का बिकवाली का सिलसिला थम सकता है, क्योंकि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के नरम रुख की वजह से बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी थमी है.


फेड रिजर्व का दिखा असर


जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा है कि फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की नरम टिप्पणी के बाद बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी का रुख पलट गया है. बाजार ने उनकी इस टिप्पणी की व्याख्या ब्याज दरों में बढ़ोतरी के सिलसिले पर रोक के रूप में की है.


3 दिन में 3,412 करोड़ रुपये की बिकवाली


डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने एक से तीन नवंबर के दौरान 3,412 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. सितंबर की शुरुआत से एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं.


क्या है एक्सपर्ट की राय?


मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक एवं प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा है कि इजराइल-हमास संघर्ष और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी की वजह से एफपीआई बिकवाल रहे हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि मौजूदा परिदृश्य में एफपीआई निवेश के अधिक सुरक्षित विकल्प सोने और अमेरिकी डॉलर की ओर रुख कर सकते हैं.


बॉन्ड मार्केट में डाले 1,984 करोड़ 


समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने लोन या बॉन्ड बाजार में 1,984 करोड़ रुपये डाले हैं. इससे पहले अक्टूबर में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 6,381 करोड़ रुपये डाले थे. इस तरह चालू साल में शेयरों में एफपीआई का निवेश अबतक 92,560 करोड़ रुपये रहा है. वहीं, बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 34,485 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.


इनपुट - भाषा एजेंसी