Free Ration: मोदी सरकार के इस बड़े फैसले का गरीबों पर पड़ेगा असर, अगले एक साल तक दिखेगा प्रभाव
Ration: सरकार के अधिकारियों के अनुसार इस कदम से सरकारी खजाने पर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं यह कदम आर्थिक रूप से विवेकपूर्ण है. विशेषज्ञों ने कहा कि अनाज की आर्थिक लागत को देखते हुए इस फैसले के कारण अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी खर्च लगभग 25,000 करोड़ रुपये होगा.
Ration Card: गरीबों के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओ में गरीबों का हित देखते हुए सरकार की ओर से गरीबों को मुफ्त अनाज भी मुहैया करवाया जा रहा है. अब सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY या मुफ्त राशन योजना) को दिसंबर 2022 से आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया गया है. वहीं दूसरी तरफ सरकार दिसंबर 2023 तक करोड़ों लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराएगी. मोदी सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम का असर करोड़ों लोगों पर दिखने वाला है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम
भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 81.35 करोड़ गरीब लोगों को एक साल तक मुफ्त राशन देने का फैसला किया है. सरकार के अधिकारियों के अनुसार इस कदम से सरकारी खजाने पर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं यह कदम आर्थिक रूप से विवेकपूर्ण है. विशेषज्ञों ने कहा कि अनाज की आर्थिक लागत को देखते हुए इस फैसले के कारण अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी खर्च लगभग 25,000 करोड़ रुपये होगा. इसकी तुलना में, अगर PMGKAY को एक साल के लिए बढ़ाया जाता तो इससे सरकारी खजाने पर 1.6-1.7 ट्रिलियन रुपये का बोझ पड़ता.
NFSA के तहत फायदा
PMGKAY को 2020 में कोविड महामारी के दौरान लॉन्च किया गया था, जिसके तहत केंद्र ने NFSA कोटा के तहत आने वाले लोगों को 5 किलो अनाज मुफ्त में प्रदान किया. अब सरकार ने NFSA के तहत ही राशन को फ्री कर दिया है. इसका मतलब है कि 2020 से विशेष योजना के तहत दिया जाने वाला लाभ जारी रहेगा, लेकिन अब इसे NFSA के तहत दिया जाएगा.
फ्री राशन
NFSA के तहत पहले चावल 3 रुपये किलो, गेहूं 2 रुपये, बाजरा 1 रुपये प्रति किलो उपलब्ध किया जाता था. हालांकि अब सरकार ने इसे एक साल तक फ्री देने का ऐलान कर दिया है.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं