Gadkari Scania controversy: गडकरी ने मीडिया के आरोपों को बताया गलत, कहा- `कोई बस गिफ्ट में नहीं ली`
Gadkari Scania controversy: सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Road and Transport Minister Nitin Gadkari) ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें ये दावा किया गया है कि एक स्वीडिश बस कंपनी की ओर से उन्हें लग्जरी बस तोहफे में दी गई. Scania विवाद पर गडकरी की सफाई
नई दिल्ली: Gadkari Scania controversy: सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Road and Transport Minister Nitin Gadkari) ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें ये दावा किया गया है कि एक स्वीडिश बस कंपनी की ओर से उन्हें लग्जरी बस तोहफे में दी गई.
Scania विवाद पर गडकरी की सफाई
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट में नितिन गडकरी पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि नवंबर 2016 में स्कैनिया कंपनी ने गडकरी के बेटे से जुड़ी एक कंपनी को लग्जरी बस गिफ्ट में दी थी. नितिन गडकरी ने इन आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताया है. नितिन गडकरी के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है.
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'मीडिया के आरोप पूरी तरह मनगढ़ंत'
कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक 'मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि नवंबर 2016 में स्कैनिया ने एक लग्जरी बस एक कंपनी को डिलिवरी की, जिसके साथ नितिन गडकरी के बेटों के करीबी रिश्ते थे. ये आरोप बिल्कुल दुर्भावनापूर्ण, मनगढ़ंत और निराधार हैं.
बयान में कहा गया कि इस तरह के आरोप लगाना कि नितिन गडकरी की बेटी की शादी के लिए बस पर होने वाले खर्च का भुगतान नहीं किया गया था पूरी तरह से मीडिया की मनगढ़ंत कहानी है.'
'गडकरी या परिवार ने कोई उपहार नहीं लिया'
नितिन गडकरी के कार्याल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बस को Volkswagen Finance कंपनी ने फाइनेंस किया था, लेकिन स्कैनिया ने उस हिस्से के लिए भुगतान किया जिसे वोक्सवैगन ने नहीं किया. यह अपने आप में विरोधाभासी है कि बस एक उपहार था.
'ये Scania का आंतरिक मामला है'
कार्यालय के बयान में आगे कहा कि ये पूरा विवाद स्वीडिश कंपनी का अपना आंतरिक मामला है. इसलिए मीडिया को अभी स्कैनिया इंडिया के बयान का इंतजार करना चाहिए, जिसने पूरे मामले को देखा था. नितिन गडकरी और उनके परिवार के लोगों का बस की खरीद और बिक्री से कोई लेना देना नहीं है और न ही किसी फर्म या व्यक्ति से मतलब है. जिसे बस की खरीद या बिक्री से जोड़ा जा सके.
बयान में कहा गया है कि यह पूरी तरह से एक कमर्शियल डील थी जो नागपुर के नगर निगम और स्वीडिश ऑटो कंपनी के बीच हुई थी. नितिन गडकरी और उनके परिवार के नाम को मीडिया के हिस्से ने विवाद में घसीटा और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की.
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